पेसिफिक विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी कॉलेज एवंम बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ के तत्वाधान में ए आइऔर अनुसंधान: एक नया आयाम’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ | कार्यशाला के मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो हेमेन्द्र डांगी ने अनुसंधान में ए आइकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया की आज शोधकर्ता बड़े डेटा सेट्स का विश्लेषण करने के लिएए आइका उपयोग कर रहे हैं।ए आइएल्गोरिदम मिनटों में ऐसे पैटर्न और जानकारियाँ ढूँढ लेता है, जिनमें इंसानों को सालों लग सकते हैं।रोबोट और ए आइ सिस्टम अब खुद अनुसंधान प्रक्रिया को स्वचालित कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय अध्यक्ष प्रो हेमंत कोठारी ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने अनुसंधान के क्षेत्र में नई क्रांति ला दी है। यह एक ऐसा युग है जहाँ विज्ञान और तकनीक मिलकर हमारी समस्याओं का समाधान निकाल रहे हैं। लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ए आइका उपयोग सही दिशा में हो, ताकि यह मानवता के लिए वरदान साबित हो।
विज्ञान एवं तकनीकी संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर दिलेन्द्र हिरन ने बताया की हम एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहाँ तकनीकी विकास ने हमारे जीवन के हर क्षेत्र में क्रांति ला दी हैऔर इस क्रांति का नेतृत्व कर रही है कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जिसे हम ए आइ के नाम से भी जानते हैं। यह सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि एक ऐसा साधन है, जिसने वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।