जनप्रतिनिधियों के मुद्दों को गंभीरता से लें : जिला प्रमुख
जिला परिषद की साधारण सभा बैठक
उदयपुर। जिला परिषद की साधारण सभा की मंगलवार को आयोजित बैठक में जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय मुद्दों को जोर-शोर से उठाया। जिला प्रमुख के क्षेत्र में और सदस्यों के मुकाबले अधिक काम होने को लेकर सदस्यों ने हंगामा किया। बैठक में सदस्यों की समस्याओं को पूर्ण तरजीह देने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।अध्यक्षता करते हुए जिला प्रमुख मधु मेहता ने अपेक्षा की कि बैठक में सदस्यों की समस्याओं का एक माह में निस्तारण हो।
सदस्यों की कार्यों में अनियमितताओं की शिकायतों के मसले पर जिला कलक्टर हेमन्त गेरा ने कहा कि शिकायतें मिलने पर वहां सदस्य तथ्यात्मक सूचना दें, ऐसे कार्यों का पुन: निरीक्षण करवायेंगे व यदि नियम विरुद्घ कार्य पाया जाता है तो सदन के समक्ष रखा जाकर उसे पुन: प्रक्रिया में लाया जायेगा।
सड़क निर्माण कार्यों में अनियमितताओं के बाबत सदस्य परमानन्द मेहता, प्रेमप्रकाश लबाना एवं ख्यालीलाल सुहालका के उठाये मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए कार्यकारी एजेंसी को स्पष्टीकरण के निर्देश प्रदान किये गए।
पेयजल विभाग की समीक्षा में अधीक्षण अभियन्ता केवीएस राणावत ने बताया कि दो वर्षों में वर्षा की अनुकूलता से जिले में कहीं भी आपात योजना की स्थिति नहीं बनी। साथ ही सभी जगह पेयजल की सुलभता की मॉनिटरिंग की जा रही है। जहां आवश्यकता होगी वहां तत्काल हैण्डपम्प या जलापूर्ति की व्यवस्था कर दी जायेगी। उन्होंतने देश में पेयजल प्रबंधन में राजस्थान के ’’प्रथम’’ रहने की सूचना पर सभी सदस्यों ने ध्वनि मत से बधाई देते हुए प्रसन्नता जाहिर की। सदस्य शारदा रोत व प्रेम प्रकाश लबाना ने डिफ्लोराइडेशन कार्य गुणवत्ता के साथ लागू करने की जरूरत बताई। साथ ही हैण्डपम्प मरम्मत अभियान में वाहन की कमी को पूरा करने के लिए गिर्वा प्रधान सुखवीर कटारा ने पंचायत समिति की मदद का आश्वासन दिया गया। अन्य पंचायत समितियों ने भी अपनी सहायता देने पर सहमति जतायी। सलूम्बर क्षेत्र की सदस्य विमला भंडारी ने सोम कमला आम्बा को विस्तारित कर योजना का लाभ क्षेत्र के गांवों को दिलाने , भबराना केनाल कार्य पूरा नहीं होने से दर्जनों गांवों के वंचित रहने की बात कही। इस पर कलक्टर ने डूंगरपुर प्रशासन से बात कर हल निकालने की बात कही।
जिला प्रमुख मधु मेहता ने सभी का आभार जताया। बैठक में सलूम्बर विधायक बसंतीदेवी , प्रधान सुखबीर कटारा (गिर्वा), सविता देवी(खेरवाडा), तुलसीदेवी मेघवाल (गोगुन्दा), जमनालाल मोड (बडगांव), चमनशेखर सुथार (भींडर), रेशमादेवी (सराडा), कन्हैयालाल (झाडोल), श्रीमती गवरी देवी (कोटडा), शांतादेवी (सलूम्बर), सुशील ओस्तवाल (मावली), जिला परिषद के अधिकारी एम. एल. चौहान, मुख्य आयोजना अधिकारी सुधीर दवे, अधीक्षण अभियन्ता केवीएस राणावत (जलदाय), के. राणावत (विद्युत), उपवन संरक्षक आईपीएस मथारु आदि मौजूद थे।