आलोक संस्थान के व्यास सभागार में जारी श्रीमद् भागवतकथा
उदयपुर. शिव पार्वती सेवा समिति तथा आलोक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में जारी श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे वृंदावन धाम से आए बालयोगी ईश्वरचंद महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत के श्रवण करने मात्र से ही प्राणी अपने पापों से मुक्त हो जाते हैं। जैसे गंगा स्नान से प्राणी के पाप धूल जाते हैं, वैसे ही देवी भगवत कथा का श्रवण करने मात्र से जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं।
कथा प्रारंभ में बालयोगी ने कहा कि वृंदावन की भूमि तो इतनी पवित्र है कि यदि एक छोटी सी चीडिय़ा भी वृंदावन धाम में आ जाती है, तो प्रभू के समान होती है। भगवत गीता, ज्ञान और दिशा है जो मानव मात्र को हर संभव मदद करता है। बिना परमात्मा एवं ज्ञान के मनुष्य को मोक्ष नहीं मिल सकता है। परमात्मा मोक्ष का द्वार है, जिसका ज्ञान आध्यात्मिक गुरुजन ही दे सकते हैं। बिना सत्संग के ज्ञान प्राप्त नहीं होता है। इससे पूर्व प्रभू की महाआरती की गई। इस दौरान उपस्थित महिलाओं ने मंगल गान के साथ माहौल को भक्ति मय बनाया। इस दौरान शिव पार्वती समिति की अध्यक्ष सरला गुप्ता एवं महिला सदस्यों ने प्रभू कृष्ण के लाजवाब भजनों को प्रवाहित किया।
प्रवक्ता घनश्यामसिंह भींडर ने बताया कि कथा से पूर्व सुबह नौ बजे प्रभात फेरियां निकाली गई। इसमें सैकंडों की संख्या में समाजजन और श्रद्धालुओं ने उपस्थिति दर्ज करवाई।
गोशाला के लिए करते हैं कथा
बालयोगी ईश्वरचंद महाराज ने बताया कि वे गोशाला और गो वंश की सहायतार्थ कथा का वाचन करते हैं। कहते हैं कि कथा वाचन से आत्म संतुष्टि और अज्ञान लोगों को ज्ञान देने का अवसर प्राप्त होता है तथा कृष्ण प्रिय गोवंश की सहायता भी हो जाती है। इस दौरान हिरण मगरी क्षेत्र के आसपास रहने वाले पंडित और पूजारी आदि ने भी उपस्थिति दर्ज करवाई।