उदयपुर। महिला सशक्तीकरण की दिशा में सरकार के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालन का परिणाम है कि आज उदयपुर जिले में बीपीएल परिवारों सहित सभी वर्गों की महिलाएं विविध स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वावलम्बी बन रही हैं। शहर की स्वयंसेवी संस्था विश्व-शंकु सेवा संस्थान के माध्यम से अब तक 150 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर अपने पैरों पर खडा किया गया है।
संस्था अध्यक्ष श्रीमती सुनिता शर्मा ने बताया कि उनकी संस्था महिला आईटीआई कॉलेज, अनुसूचित जाति निगम, खादी ग्रामोद्योग, महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज, राजस्थान स्वरोजगार विकास संस्थान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, आरसेटी, स्वर्ण जयंती रोजगार योजना आदि संस्थाओं के माध्यम से 7 दिवस से लेकर 1 माह , 2 माह, 3 माह एवं 6 माह अवधि के महिला स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करती है। संस्था द्वारा ज्वेलरी मैकिंग, जरदोजी कार्य, ब्यूटी पार्लर, बैग बनाना, सिलाई, साफ्ट टॉय्ज, कुशन व पर्स मेकिंग, टेलरिंग, फूड प्रिजर्वेशन आदि के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रही है। साथ ही महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति चेतना जागृति, महिलाओं के लिए योग शिविर आदि के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।
बीपीएल परिवार की भट्टियानी चौहट्टा की दीपिका ने बताया कि वह ब्यूटी पार्लर में रुचि रखती थी, परन्तु इसका कोर्स सीखने के लिए उसके पास आर्थिक संसाधन नहीं थे। स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना में ब्यूटी पार्लर का निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर वह एक पार्लर पर काम कर 4 हजार रुपये मासिक आमदनी प्राप्त कर रही है। इसी तरह होलीदडा चौक की 32 वर्षीय तारा सेन ने भी प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना निजी ब्यूटी पॉर्लर खोल लिया है। वह संतुष्ट है कि इस उम्र में भी वह कुछ करने के लायक बन सकी और अपने परिवार के लिए आर्थिक सहायता जुटाने में भागीदार बनी है।
सुन्दरवास की रहने वाली इन्द्रादेवी भी प्रशिक्षण लेकर जरदोजी कार्य का अपना स्वयं का केन्द्र चलाने के काबिल बन गई है । साथ ही ऑर्डर पर जरदोजी की सा$िडयां बनाने लगी हैं। मेहनत व परिश्रम रंग लाया तथा धीरे-धीरे काम और नाम दोनों ही ब$ढता गया। यही नहीं इन्हें आरमोल के कोर्स में प्रशिक्षक कार्य भी मिल गया। सरदार नगर की स्वीटी जैन ने भी ज्वैलरी मैकिंग का कार्य सीखकर अपने घर में ही महिलाओं को ज्वैलरी मैंकिंग कार्य का प्रशिक्षण का केन्द्र प्रारम्भ किया। आज ये महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर अच्छी आमदनी अर्जित करने लगी हैं।
नगर परिषद कॉलोनी की चन्द्रिका औदिच्य की भी प्रशिक्षण से किस्मत बदली और उसने सिलाई का प्रशिक्षण लेकर फैक्ट्री से कपडा लेकर घर पर ही आर्डर से सिलाई का कार्य प्रारम्भ किया जिससे उसे 3 हजार रुपये से अधिक की मासिक आमदनी हो रही है। इन्हीं की तरह लक्ष्मी सालवी भी लेडीज टेलर की दुकान चलाकर 4 से 5 हजार रुपये मासिक की आमदनी प्राप्त कर रही है। नर्बदा देवी ने सॉफ्ट टॉयज का प्रशिक्षण प्राप्त किया और आज हॉबी क्लासेज चलाकर 3 हजार रुपये से अधिक की मासिक आय प्राप्त कर रही है। टाइ एण्ड डाइ का प्रशिक्षण प्राप्त कर विद्या को महिला पॉलिटेक्निक कम्युनिटी कॉलेज में प्रशिक्षिका की जॉब मिलने से आज वह खुश है।