दस दिवसीय धार्मिक नैतिक संस्कार शिविर
उदयपुर। जिला प्रमुख मधु मेहता ने कहा कि बच्चे अपने जीवन का लक्ष्य तय कर संकल्प के साथ पूरा करने का प्रयास करें। साथ ही उन्हों ने बच्चों को प्रामाणिकता, ईमानदारी, विनम्रता, शालीनता, सहिष्णुता जीवन में उतारने की प्रेरणा दी। वे देवेन्द्र धाम में जैनाचार्य श्री देवेन्द्र महिला मंडल द्वारा आयोजित दस दिवसीय ’धार्मिक नैतिक संस्कार‘ शिविर के समापन समारोह को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृधति से विसंगतियां हो गई हैं जिससे बच्चों में नैतिक विकास अवरूद्ध होता जा रहा है, इसलिए ऐसे शिविरों की महती आवश्यकता है जो धर्ममय संस्कारों से बच्चों का नैतिक उत्कर्ष कर सके। उन्होंने कहा कि बच्चों का व्यवहार एक सफेद कागज के समान होता है। उन्हें जो सिखाया जाता है, वे उन्हीं बातों को अपने आचरण में लाते हैं। संस्कारित बच्चे परिवार, समाज व राष्ट्र के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं।
कवि प्रकाश नागौरी व अनेक वक्ताओं ने बालकों की प्रतिभा को निखारने व धर्म में दक्ष बनाने के लिए जगह-जगह ऐसे शिविरों को उपयोगी बताया।
महिला मंडल की अध्यक्ष सुधा भंडारी ने आगन्तुकों का स्वागत किया। शिविर में अशोक जैन ने योग, धार्मिक अध्ययन व नैतिक संस्कारों का बीजारोपण परमेश्वर पोरवाल, राजकुमारी पोरवाल, रीतु नावेडिया, ललिता बाफना, रुपीबाई आंचलिया तथा शीतल जोशी ने नृत्य प्रशिक्षण दिया। मंडल की मंत्री ममता रांका ने मंडल द्वारा वर्षभर में किए गए आयोजनों की जानकारी दी। शिविर में विभिन्न आयु के बच्चों ने समूह नृत्य, नाटक, कव्वाली आदि प्रस्तुत किये।
6 असहाय परिवार गोद लिए
अध्यक्ष सुधा भंडारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जैन समाज के असहाय, निर्धन जीवन व्यापन करने वाले 6 परिवारों को देवेन्द्र महिला मंडल ने गोद लिए जिसमें उन परिवारों को आर्थिक सहायता व अन्य भोजन साम्रगी प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाएगी।