झील संरक्षण समिति ने की कार्य में तेजी की मांग
उदयपुर। नगरीय विकास आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव जी. एस. संधू ने कहा कि एनएलसीपी के तहत चलाये जा रहे विभिन्न विकास कार्यों की समयबद्घ एवं गुणवत्तापूर्ण क्रियान्विति सुनिश्चित करें। उधर झील संरक्षण समिति ने संधू के नाम लिखे एक पत्र में एनएलसीपी के कार्यों की प्रगति को काफी धीरे बताते हुए इसमें तेज चलाने का आग्रह किया।
संधू गुरुवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय सभागार में नगर विकास प्रन्यास, नगर परिषद सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो कार्य प्रगति पर हैं, उनके लिए कार्यकारी एजेंसीज को दी जाने वाली राशि अविलम्ब जारी की जाए ताकि कार्य निर्बाध रूप से पूर्ण हो सके।
उन्होंने फतहसागर झील किनारे प्रस्तावित फिश एक्वेरियम के बाबत निर्देश दिये कि इसमें श्रेष्ठ एजेंसी के प्रस्ताव लेकर तकनीकी एवं उच्च स्तरीय समिति के मार्फत प्रस्तावों की समीक्षा उपरान्त ही मूर्त रूप दिया जाये। उन्होंने पर्यटन स्थलों को आकर्षक रोशनी, हरीतिमा एवं साज सज्जायुक्त बनाने के लिए हेरिटेज एंड लेंड विशेषज्ञों के सुझाव लेने पर बल दिया। संधू ने शहर के मास्टर प्लान की भी विस्तार से जानकारी ली।
जिला कलक्टर हेमन्त गेरा ने नगर विकास प्रन्यास द्वारा नगर परिषद को हस्तान्तरित आवासीय कॉलोनियों का डाटाबेस बनाने को कहा जिससे शहर की भावी आवश्यकताओं व विकास में इन्हें आधार बनाया जा सके। बैठक में शहर के नगर परिषद क्षेत्र के पुनर्सीमांकन नई कॉलोनियों को शामिल करने आदि के प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए गए।
अधीक्षक अभियन्ता(जलदाय) केवीएस राणावत ने भावी पेयजल व्यवस्था का ब्यौरा देते हुए बताया कि वर्तमान में 25 फीसदी आबादी के लिए पेयजल स्रोतों के पर्याप्त विस्तार की महती जरुरत है। उन्होंने कहा कि जिले के लिए 385 करोड के प्रस्ताव भावी पेयजल व्यवस्था हेतु बनाये गये है। साथ ही देवास तृतीय व चतुर्थ एवं मानसीवाकल द्वितीय चरण को भी पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए भावी योजनाओं के रूप में शामिल किया जाना होगा।
बैठक में नगरीय विकास के कई मुद्दों पर गहन विचार विमर्श हुआ जिसमें नगर परिषद सभापति रजनी डांगी, एनएलसीपी निदेशक वैभव गालरिया, प्रन्यास के विशेषाधिकारी प्रदीप सांगावत, भूमि अवाप्ति अधिकारी जगमोहन सिंह, नगर परिषद आयुक्त सत्यनारायण आचार्य, प्रन्यास के अधीक्षण अभियन्ता अनिल नेपालिया, नगरीय विकास विभाग के तकनीकी सलाहकार एच एस संचेती, स्थानीय निकाय निदेशक टी.सी.मीणा, उप वन संरक्षक आईपीएस मथारु सहित अन्य अधिकारियों ने विचार व्यिक्त. किए। इस मौके पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
झील संरक्षण समिति ने लिखा पत्र
पत्र में कहा गया कि एनएलसीपी के कारण झीलों में जल की गुणवत्ताक एवं मात्रा भी बढ़े, ऐसा कार्य किया जाए। झीलों का मूल स्वेरूप भी कायम रहे। इसी प्रकार बड़ी झील एवं फतहसागर को जोड़ने वाली कैनाल को इस परियोजना में शामिल ही नहीं किया गया है जो कि एक जरूरी हिस्सा़ है। झील की बाउण्रीमि पूर्ण भराव तल तक की गई है जबकि इसे अधिकतम भराव तल तक किया जाना चाहिए। इसमें जो जमीन आ रही है, उसका अधिग्रहण किया जाए। पत्र संरक्षण समिति के डॉ. तेज राजदान, अनिल मेहता, नंदकिशोर शर्मा, तेजशंकर पालीवाल, हाजी सरदार मोहम्म द, भंवरसिंह राजावत की ओर से भेजा गया।