डॉ. मोहनसिंह मेहता की पुण्य तिथि पर सर्वधर्म प्रार्थना
उदयपुर। डॉ. मेहता न सिर्फ युग दृष्टा थे बल्कि उनका मानना था कि शिक्षा से सर्वांगीण विकास की समझ को विकसित किया जा सकता है। उस सोच को के साथ सेवा मन्दिर की शुरूआत प्रौढ़ शिक्षा के माध्यम से उन्होंने की थी।
ये विचार सिक्योर मीटर के मुख्य संचालक भगवत सिंह बाबेल ने मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मोहनसिंह मेहता की 27 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना एवं सामूहिक श्रद्वान्जलि सभा में व्यक्त किए। अध्यक्षता सेवा मन्दिर के वरिष्ठ प्रन्यासी मोहनसिंह कोठारी ने की। महासचिव नारायण आमेटा ने सभी आगन्तुकों का स्वागत किया। टीम बिल्डिंग, महिला सशक्तिकरण की बात व सह शिक्षा की शुरूआत् मेवाड़ में उस समय की थी, जब महिलाओं को बराबरी में खडा करना बड़ी चुनौती था, लेकिन मेहता ने उन चुनौतियों को स्वीकारते हुए शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण की सोच एवं विचार को व्यापक किया।
अध्यक्षता करते हुए कोठारी ने कहा कि समाजिक विकास का कोई शार्टकट नहीं है। सतत् प्रयासों से ही समग्रता से हल निकाला जा सकता है। सामाजिक समस्याओं का हल ऐसा नहीं किवह खुद समस्या बन जायें। उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षण के माध्यम से गरीबी उन्मूलन चाही थी लेकिन आरक्षण आज एक बड़ी समस्या बन गई है। उन्होंने कहा कि बदलती सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों में भी सेवा मन्दिर ने सामाजिक विकास के अथक प्रयासों को सतत् बनाये रखा है, यह सराहनीय है। पूर्व विदेश सचिव जगत मेहता ने कहा कि विकास ग्रास रूट कर करने के लिए प्रक्रिया में नीचे से ऊपर होनी चाहिए।
कार्यक्रम में अजय मेहता, जगत मेहता, विमल जैन, विजय सिंह मेहता, लीला विजयवर्गीय, कमलकान्त, रेनू बोर्दिया, बंशीलाल कूकड़ा ने भी विचार व्येक्तय किए। धन्यवाद नरेन्द्र जैन ने एवं कार्यकम का संयोजन मो. याकूब खांन ने किया।