विद्यापीठ में पीएचडी कोर्स वर्क का समापन
उदयपुर. जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ में शोधार्थियों और एसोसिएट प्रोफेसरों के लिए आयोजित 45 दिवसीय कोर्स वर्क का समापन गुरुवार को हुआ। इस कोर्स के दौरान कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और रिसर्च मैथडोलॉजी से जुड़ी बारीकियां बताई गई।
पीजी डीन प्रो. बीएल फडिय़ा ने बताया कि इस दौरान कंप्यूटर टेक्नोलॉजी पर आधारित 37 कक्षाएं तथा रिसर्च से जुड़ी 33 कक्षाओं का आयोजन किया गया। इसमें विषय से जुड़े विशेषज्ञों ने जानकारियां दी। समापन समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत एवं रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा थे। पीजी डीन प्रो. फडिय़ा ने बताया कि शोध के प्रति व्यापक दृष्किोण बनाने के उद्देश्य इस कोर्स वर्क का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से अब शोधाथर््िायों को अपना शोध वर्क करने में किसी तरह की समस्या नहीं होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. गिरिशनाथ मथुर ने की।
समाज और राष्ट्र पर आधारित हो शोध विषय : इस अवसर पर कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने आह्वान किया कि वे अपने शोध का विषय ऐसा चुने जो समाज और राष्ट्र को आगे लाने में सहयोगी हो। इस शोध विषयों को गंभीरता से लेते हुए इसमें खोज होनी चाहिए। कॉपी पेस्ट के कंसेप्ट को बिल्कुल बंद कर दे। शोध के माध्यम से हमारी टेक्नोलॉजी, सभ्यता, संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से भी आह्वान किया कि वे भी रिसर्च बेस का संचालन नियमित रखें। इसके लिए ऐसे विषयों का चयन करें जो ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं पर आधारित हो।
गहन अध्ययन और फील्ड वर्क हो प्रभावी : रजिस्ट्रार डॉ. शर्मा ने बताया कि रिसर्च वर्क में गहन अध्ययन और फील्ड वर्क की महत्ती आवश्यकता होती है। कुछ समय पूर्व शोध कार्यों में काफी गलफत होती थी। जिसमें अब काफी स्तर पर परिवर्तन कर दिया गया है। जिसे लेकर काफी गंभीरता भी बरती जा रही है। इस कारण रिसर्च वर्क की थीम और फील्ड वर्क को लेकर शोधार्थियों में गंभीरता होनी चाहिए। कार्यक्रम संयोजक डॉ. धीरज प्रकाश जोशी ने इस 45 दिवसीय कोर्स वर्क का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।