गीतांजलि के वरिष्ठो विशेषज्ञ डॉ. ए. के. गुप्ता ने किया ऑपरेशन
उदयपुर. गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के नाक, कान, गला विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. के. गुप्ता ने भीलवाड़ा निवासी पचास वर्षीय नंदू देवी के गले में फैली दस किलो वजन की थॉयराइड गांठ का सफल ऑपरेशन किया।
इसमें ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. प्रितोश शर्मा एवं निश्चेकतना विशेषज्ञ डॉ प्रकाश औदिच्य ने सहयोग किया।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि मरीज पिछले बीस सालों से थॉयराइड ग्रंथि में बड़ी गांठ होने से परेशान थी। मरीज के गले में गांठ होने से उसे भारीपन, खाना निगलने, गर्दन हिलाने, बोलने में परेशानी होने के साथ ही दर्द भी होता था। बीस वर्षों से कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद भी मरीज का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था। सामान्यत: थॉयराइड ग्रंथी का वजन 70 ग्राम होता है। थॉयराइग्रड ग्रंथि शरीर में बेसल मेटाबोलिक रेट (बीएमआर) व केल्शियम को नियंत्रित करती है। इसका आकार तभी बढ़ता है जब मरीज के शरीर में आयोडिन की मात्रा कम या ज्यादा होती है। नंदू देवी के शरीर में आयोडिन की कमी होने की वजह से थॉयराइड ग्रंथि बढ़ गई थी जिसने दस किलो की गांठ का आकार ले लिया था। मरीज की जांचें करने पर खून की कमी पाई गई। थॉयराइड की गांठ बड़ी होने से खून की सप्लाई ज्यादा हो रही थी। साथ ही आसपास के अंगों श्वाबस नली, अन्न नली, बोलने में सहायक नसों आदि को नुकसान होने की संभावनाएं भी थी। ऐसे स्थिति में मरीज को खून चढ़ाकर ऑपरेशन द्वारा दस किलो वजनी गांठ सफलतापूर्वक निकाल ली गई। ऑपरेशन कुल चार घण्टे चला। ऑपरेशन के बाद मरीज पूर्णत: स्वस्थ है व अगले ही दिन से सामान्य रूप से खा-पी रही है व गर्दन हिलाने व बोलने में भी कोई दिक्कत नहीं आ रही है।