मां भगवती सेवा संस्थान की ओर से होगा संचालन
उदयपुर। अब उदयपुर में भी मदर मिल्क बैंक की स्थापना का काम शुरू हो गया है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अगले तीन महीनों में यह दिव्य मदर मिल्क बैंक काम करना शुरू कर देगा। यह मिल्क बैंक मां भगवती सेवा संस्थान व महेशाश्रम की ओर से स्थापित किया जा रहा है।
संस्थान के संचालक योग गुरु देवेन्द्र अग्रवाल ने आज महेशाश्रम में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि राज्य सरकार की ओर से इस मिल्क बैंक के लिए राजकीय पन्नाधाय चिकित्सालय में निशुल्क स्थान उपलब्ध करा दिया गया है। इसमें स्वागत कक्ष, काउंसलिंग रुम, डोनर रुम, मिल्क प्रोसेस रुम, कोल्ड स्टोरेज रुम, पेनटरी एवं यूटीलिटी रुम की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने बताया कि बच्चेको पैदा होते ही मां के दुग्ध की सर्वाधिक जरूरत होती है। देश भर में 100 शिशुओं में से करीब 10 से 40 शिशुओं को विभिन्न कारणों से दूध नहीं मिल पाता है। अगर इन्हें यह दूध उपलब्ध करा दिया जाए तो मरने वाले इन 100 में से करीब 16 शिशुओं की जान बचाई जा सकेगी।
रक्तादान के प्रति जागरूकता पैदा करने में जहां इतने वर्ष लग गए तो अचानक मां को अपना दूध दान करने में जागरूकता लाने के लिए कितना समय लग जाएगा और क्योंर कोई मां दूध दान करने के लिए तैयार हो जाएगी? प्रश्नं के जवाब में अग्रवाल ने बताया कि हमारे काउंसलर चिकित्सागलय में हर समय मौजूद रहेंगे। वे वहां आने वाली प्रसूता मांओं, धात्रियों को समझाएंगे। उन्होंने कहा कि एक प्रसूता का एक बार में बनने वाले दूध का 60 से 70 प्रतिशत दूध ही उपयोग में आता है बाकी 30 प्रतिशत वेस्ट हो जाता है। इसी प्रकार जब प्रसूता का दूध बच्चा नहीं पी पाता तो वह उसे वेस्ट करती है। उसे हम समझाकर यहां एकत्र करेंगे और जरूरतमंद को देंगे। इसके लिए भी सारी प्रक्रिया रक्तदान की तरह ही है कि उसके विभिन्न टेस्ट हेपेटाइटिस ए, बी, वीडीआरएल आदि किए जाएंगे। उसके बाद ही उसका दूध लिया जाएगा।
उन्होंएने बताया कि देश में तीन जगह पूना, सूरत एवं बैंगलोर में मिल्कद बैंक काम कर रहे हैं। यहां यह राजस्थान का पहला मदर मिल्क बैंक शुरू किया जा रहा है। इसके लिए पूरी टीम काम करेगी। मिल्क बैंक का मुख्य को-ऑर्डिनेटर तरन्नुम सिन्हा को बनाया गया है। इस अवसर पर बी. पी. शर्मा, सीमा सिद्धू, सीए न्याती सहित कई गणमान्य मौजूद थे।