अपनी आत्मा में रमण करना ही ब्रह्मचर्य है: सुकुमालनन्दी
udaipur. ब्रह्म यानि आत्मा, चर्य अर्थात रमण करना, विचरण करना, आत्मा में ही अपनी प्रवृत्ति रखना ...
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Read moreudaipur. जैन श्वेतांबर समाज मूर्तिपूजक संघ के पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व के दौरान मंदिरों पर भव्यु रोशनी ...
Read moreudaipur. जमीन सिर्फ एक है, रहने के तरीके अलग- अलग हैं। पानी की धार एक है, ...
Read moreudaipur. देव शास्त्र गुरू के समक्ष हृदय पूर्वक ही जाना चाहिये। क्योंकि जैसीर भावना से मंदिर ...
Read moreudaipur. जिस प्रकार बादल के हट जाने पर धरती पर सुनहरी धूप खिल उठती है, उसी ...
Read moreउदयपुर। मुस्कुराती सुबह शाम में ढली होती है,जिन्दगी की पीठ पर मौत लिखी होती है।बढ़ा लो ...
Read moreudaipur. आत्मा एक और कषाय चार है लेकिन जब आत्मा अपने में होती है तो कषाय ...
Read moreudaipur. मन बहुत चंचल है। हम किसी के प्रति बुरा बर्ताव करते हैं तो सबसे पहले ...
Read moreudaipur. श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर सेक्टर 11 में आयोजित प्रात:कालीन चातुर्मासिक धर्मसभा के दौरान मंगलवार ...
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