विशेष सफाई अभियान पर संभागीय आयुक्त ने ली समीक्षा बैठक
उदयपुर। पूरे राजस्थान में एकमात्र उदयपुर ऐसा शहर है जिसे स्वच्छता में ग्रे केटेगरी का दर्जा दिया गया है। अब इसे ग्रीन केटेगरी में लाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। संभागीय आयुक्त भवानी सिंह देथा ने मंगलवार को विशेष सफाई अभियान से संबंधित समीक्षा बैठक में यह बात कही।
उन्होंने बताया कि पूरे राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों में 9 से 27 मार्च ओडीएफ, सामुदायिक शौचालयों, ठोस कचरा प्रबंधन आदि के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का 31 दिसंबर 2018 तक पूरे प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त कर स्वच्छ राजस्थान का सपना है। पूरे राजस्थान में 748363 शौचालयों की आवश्यकता है। व्यक्तिगत स्तर पर निर्माण के लिए 8000 रूपये इन्सेन्टिव के तौर पर दिये जायेंगे। सार्वजनिक शौचालय रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, व्यस्त बाजारों में अवश्य बनाये जायेंगे।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार नगर निकाय क्षेत्रों, बाजारों में पड़े पुराने कचरे व मलबे को चिन्हित कर साफ किया जायेगा। कचरा उठाने के लिए आवश्यकतानुसार किराये के वाहन एवं अन्य वाहन लगाये जायेंगे तथा दैनिक सफाई हेतु भी अस्थाई तौर पर सफाईकर्मी भी लगाये जायेंगे। प्रातःकालीन सफाई व्यवस्था नियमित तौर पर की जायेगी। इसके अतिरिक्त प्लास्टिक बैग्स पर पाबंदी का पूर्णतया पालन किया जायेगा एवं इसकी अवहेलना करने पर कानूनन दण्ड दिया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 6 लाख रूपये अनुदान देती है। गैर सरकारी संगठनों की सहायता से यहां पनाह लेने वाले लोगों को रियायती दरों अथवा निःशुल्क भोजन की व्यवस्था भी की जायेगी।
बैठक में महापौर चंद्रसिंह कोठारी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त जितेन्द्र उपाध्याय, जिला कलक्टर आशुतोष पेडणेकर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, प्रतापगढ़ आदि जिलों के म्यूनिसिपल कमिश्नर, नगर निगम आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ, यूआईटी सचिव रामनिवास मेहता, देवस्थान, पीएचईडी, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।