बांसवाड़ा। जिले की कला-संस्कृति, ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत और नैसर्गिक सौंदर्यश्री को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए 7 से 9 जनवरी तक हो रहे अरथुना-माही महोत्सव के लोगो का सोमवार को विमोचन किया गया।
जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद और पर्यटन उन्नयन समिति के जगमालसिंह ने इस महोत्सव के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए लोगो का विमोचन किया और आयोजन टीम को बधाई दी। इस मौके पर लोगो आर्टिस्ट हरिप्रेम फिल्म्स के निर्देशक नितीन समाधिया ने बताया कि लोगो में अरथुना के प्रसिद्ध शिव पंचायतन मंदिर के साथ वागड़ गंगा माही व माहीडेम के गेटों से उफनती जलराशि तथा पार्श्व में उड़ते सारस क्रेन की छवि को डालकर समग्रता प्रदान की गई है।
कलक्टर ने लोगो के सौंदर्य की तारीफ की और कहा कि महोत्सव जिले की समग्र विरासत को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम है इसके माध्यम से जिले को अलग पहचान प्राप्त होगी। इस मौके पर केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक अनिमेश पुरोहित, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कमलेश शर्मा, स्काउट सीओ दीपेश शर्मा, पर्यटन अधिकारी अनिल तलवाड़िया, पर्यटन उन्नयन समिति के सहसचिव हेमांग जोशी व अन्य सदस्य मौजूद थे।
पहली बार रोशनी से जगमगाया माही का टापू : सिटी ऑफ हण्डेªड आईलेण्ड्स का उपनाम प्राप्त करने वाले बांसवाड़ा के माही बैकवाटर में स्थित टापुओं को पर्यटन दृष्टि से विकसित करने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर 8 जनवरी रात्रि को प्रस्तावित ‘आईलेण्ड फेस्टिवल’ का रिहर्सल रविवार रात्रि किया गया। जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद की पहल पर इस विशाल टापू पर रात को रंगीन रोशनी की गई और दो दर्जन से अधिक लोगों ने यहां पर केंप फायर किया। ये सभी लोग नाव के सहारे यहां पहुंचे और आईलेण्ड का भ्रमण करते हुए यहां से माहीडेम के गेटों पर लगी रोशनी सहित दूर-दूर तक पहाड़ों पर बने घरों में हो रही राशनी को निहारा। इस मौके पर पर्यटन उन्नयन समिति के संरक्षक जगमालसिंह व आईलेण्ड फेस्टिवल के प्रभारी व शताब्दी वेलफेयर सोसायटी के मुजफ्फर अली ने आगंतुकों को यहां फेस्टिवल के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि 8 जनवरी को रात्रि यहां आने के ईच्छुक लोगों को एक निश्चित शुल्क पर इस पिकनिक का आनंद उपलब्ध कराया जाएगा व इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत होंगे।