कुलपति सम्मेलन में अहलुवालिया ने कहा
उदयपुर. योजना आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने कहा की प्रबंधन एवं प्रशासन में उपयोग लेने के लिए बेहतरीन शिक्षकों का चयन वरीयता नहीं विशिष्टता के आधार पर होना चाहिए. उन्होंने १४ विश्व स्तरीय विश्व विद्यालयों की स्थापना से असहमति जताते हुए कहा की हमें उन ५० विश्व विद्यालयों को चिन्हित कर उनका विकास करना चाहिए जो बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने की क्षमता रखते हैं. वे शुक्रवार को यहाँ दो दिवसीय पश्चिम क्षेत्रीय कुलपति सम्मेलन के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अहलुवालिया ने कहा की अब तक १२ वीं में पास होने वाले मात्र १४ प्रतिशत छात्र ही उच्च शिक्षा पा रहे हैं. अगले एक दशक में इसे २० प्रतिशत करना है जो बहुत चुनौतीपूर्ण है. मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय भूतल मंत्री डॉ. सी. पी. जोशी ने कहा की देश में आज फियाट लस लेकर करोड़ों की कारें आ गयी है लेकिन इन्हें चलाने का प्रशिक्षण देने की कोई व्यवस्था नहीं है. आज अर्थ व्यवस्था के विकास में सड़कों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा की विद्यार्थियों में कौशल का विकास हो, इस पर ध्यान देना होगा. इस अवसर पर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउन्डेशन के न्यासी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा की सर्वधर्म समभाव का नारा मेवाड ने दिया था जब एक पठान को नेतृत्व दिया गया था. उसे तलवार के साथ दफनाया गया था. उन्होंने कहा की देश से राजस्थान और राजस्थान से मेवाड़ का इतिहास निकल दिया जाये तो इतिहास शून्य सम्मान है. विशिष्ट अतिथि श्रीमती इसर सिंह अहलुवालिया, पंकज पांडे आदि ने भी विचार व्यक्त किये. कुलपति आई वी. त्रिवेदी ने जनजाति क्षेत्रों में उच्च शिक्षा की औसत दर के राष्ट्रीय औसत से आधी होने पर चिंता जताते हुए इस और ध्यान देने की मांग की. दरियाव सिंह चुंडावत धन्यवाद दिया. संचालन कनिका शर्मा ने किया.