नोट के बदले वोट कांड पर भगोरा ने कहा
उदयपुर। नोट के बदले वोट कांड में तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद यहां पहुंचे पूर्व सांसद महावीर भगोरा ने कहा कि मामले के असली षडयंत्रकारी अब तक पकड़ से बाहर हैं जबकि उन्हें जबरन गलत तरीके से फसाया गया। वे आज भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्रक सरकार असली गुनहगारों पर कार्यवाई करने के बजाय झूठे मामले बना रही है। कोर्ट ने मुझे जमानत पर छोड़ते समय जो टिप्पणियां की थी, उससे साफ जाहिर है कि मैं निर्दोष हूं।
इससे पूर्व शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि अब तक आधी अधूरी कार्यवाही की गई है। किस सरकार को बचाने के लिए सांसदों की खरीद फरोख्त हुई। आश्च र्य है कि जिन्होंाने मामले को उजागर किया, उन्हेंह ही दोषी बताकर गिरफ़तार किया गया। यह कार्यवाही भले ही दबाव में की गई या राजनेताओं को प्रभावित करने के लिए की गई लेकिन गलत हुआ। कार्यवाही सिर्फ राजनीतिक द्वेषता से की गई। स्टिंग ऑपरेशन की जानकारी पार्टी के प्रमुख नेता की जानकारी में थी, यह उन्हों ने खुद स्वीरकारा है और कहा कि अगर इसमें कोई दोषी है तो मैं भी इसका दोषी हूं। पत्रकार वार्ता में प्रमोद सामर, मनोज जोशी, सुंदरलाल भाणावत, चंचल अग्रवाल, महिला मोर्चा अध्यगक्ष अलका मूंदड़ा सहित कई नेता मौजूद थे।
क्या कहा कोर्ट ने
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एम. एल. मेहता ने अपने निर्णय में कहा कि मैंने सम्पूर्ण चार्जशीट का गहन अध्ययन किया मगर तीनों सासंदो द्वारा कोई भी प्रथम दृष्टया साक्ष्य या अवैधानिक कार्य किया जाना नही पाया।
तीनों वादियों के विद्ववान अधिवक्ताओं द्वारा यह बताया जाना कि चुंकि यह एक स्टिंग ऑपरेशन था इसलिये यह मामला पुलिस को या किसी अन्य अथोरिटी को सूचित नही किया जा सकता था। एक दम न्यायोचित है और इस बात में दम है। इसके अलावा यह भी देखा गया कि टीवी चैनल द्वारा जो विडियों/ऑडियों रिकार्डिंग की गई, उसमें न तो छेडछाड और न ही एडिटिंग की गई। तथ्य की फोरेन्सिंक लेब द्वारा भी पुष्टि की गई है।
संसद अपने आप में सर्वोच्च है और अपने सदस्यों के विरूद्ध कोई भी कार्रवाई करने में सक्षम है। यदि इन तीनों सांसदों द्वारा कोई अवैधानिक कार्य किया जाता तो संसद उनके विरूद्ध कुछ एक्शन लेती, मगर संसद ने कोई एक्शन नही ले कर सिर्फ एक संसदिय जॉच समिति नियुक्त की।