पीलिया रोगी को हर वस्तु खिलाये, किसी से परहेज न करें
udaipur. आरएनटी मेडिकल कॉलेज के गेस्ट्रो एन्ट्रोलोजी विभाग के सह आचार्य डॉ. विपिन माथुर ने कहा कि समाज में व्याप्त भ्रान्ति के कारण पीलिया रोगी को अधिकांश खाद्य वस्तुओं से वंचित रखा जाता है। जिस कारण उसमें अन्य और बीमारियां जन्म ले लेती है। अत: उसे संतुलित आहार और यहंा तक कि उसे हाई कैलोरी वाली वस्तुयें खाने को देनी चाहिये ताकि वह शीघ्र स्वस्थ हो। यदि जीवन में पीलिया रोग से बचना है तो प्रत्येक व्यक्ति को आजीवन उबला हुआ पानी पीना चाहिये। वे रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित ’पीलिया-कारण व बचाव’ विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
पीलिया के कारण
उन्होंने कहा कि पीलिया एक बीमारी नहीं वरन् लक्षण है। शरीर में पीलिया के लक्षण सीरम बिलीरूबीन टेस्ट से पता चलता है। तीन कारणों से शरीर में पीलिया होता है जिसमे प्रथम अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से,दूसरा जीवन में अत्यधिक मात्रा में दवाओं का सेवन करने से तथा वायरल हेपेटाईटिस से। अत्यधिक मात्रा में एस्प्रिन टेबलेट का सेवन करने से भी पीलिया हो जाता है। पीलिया रोगी को अनेक बार खोन की खुशबू से भी नफरत होने लगती है।अत्यधिक मात्रा में शराब सेवन से फेटी लीवर,एलकोलिक हेपेटाईटिस,व एलकोलिक सिरोसिस बीमारी हो जाती है और पीलिया रोग में इनकी महत्वपूर्ण भमिका रहती है। सिरोसिस होने पर रोगी को खून की उल्टियां होती है, वह बेहोश तक हो जाता है। उन्होनें बताया कि आंत में पित्त का प्रवाह बंद होने से वह खून में बढ़ जाता है जिस कारण स्टूल का रंग सफेद हो जाता है और जिस कारण पीलिया के लक्षण पनप जाते है।
पानी की अशुद्धता से होता है पीलिया
प्रतिदिन पीये जाने वाले पानी की अशुद्धता के कारण पीलिया रोग के लक्षण पाये जाते है। इसलिये यदि इस रोग से बचना हे तो नियमित रूप से प्रत्येक व्यक्ति को उबला हुआ पानी चहिये। पीलिया रोगी को ठीक होने में 2-4 सप्ताह का समय लगता है। इस बात की भ्रान्ति फैली हुई है कि पीलिया होने पर रोगी को पीली वस्तु न खिलायें जबकि पीलिया होने पर रोगी को पीली वस्तु भी खिला सकते है उसके लिये किसी भी वस्तु का परहेज न करें।
हेपेटाईटिस के रोगी
विश्व में 400 लाख व्यक्ति हेपेटाईटिस बी के शिकार है जबकि भारत में 47 लाख व्यक्ति। देश में हेपेटाईटिस बी के सर्वाधिक शिकार राज्य मध्यप्रदेश,आन्ध्र प्रदेश है राजस्थान में यह संख्या अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है। हेपेटाईटिस बी का पीलिया रोग में बहुत गहरा संबंध है। समय पर उपचार न मिलने पर हेपेटाईटिस बी लीवर को समाप्त कर देता है और यहां तक कि शरीर में कैन्सर को भी जन्म दे देता है। इसलिये समय पर बच्चों को हेपेटाईटिस बी के टीक लगवाने चाहिये।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष डॉ. निर्मल कुणावत, सचिव गिरीश मेहता, महादेव दमानी,पी.एल.पुजारी सहित अनेक सदस्यों ने प्रश्र पूछकर अपनी जिज्ञासाओं को शान्त किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में लक्ष्यराजसिंह मेहता ने ईश वंदना प्रस्तुत की जबकि अन्त में गिरीश मेहता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
hindi news
udaipur news