जलवायु परिवर्तन पर सहभागी कार्यशाला का शुभारंभ
udaipur. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं जल प्रबंध निदेशालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, भुवनेश्वर के संयुक्त तत्वाधान में जलवायु परिवर्तन पर दो दिवसीय सहभागी कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला में राजस्थान के विभिन्न जिलों के लगभग 65 विशेषज्ञों ने भाग लिया। ये विशेषज्ञ विशेषतया राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग, भूजल विभाग, कृषि विभाग एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्र एवं क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र से संबंधित है। साथ ही गैर सरकारी संस्थानों के विभिन्न अधिशाषी अधिकारी भी इस कार्यशाला में सम्मिलित हुए।
मुख्य अतिथि जल प्रबंध निदेशालय (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, भुवनेश्वर) के निदेशक डॉ. अश्विनी कुमार ने कहा कि परिवर्तित जलवायु स्थिति में जल का प्रबंधन अति महत्वपूर्ण हो गया है। कृषि एवं संबंधित विशेषज्ञों का यह दायित्व है कि वे कृषकों के साथ परस्पर जुडक़र इस परिस्थिति पर पूर्ण सहभागिता निभाते हुए जलवायु अनुकूलित कृषि प्रबन्धन पर ध्यान दें। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठा ता डॉ. एन. एस. राठौड़ ने जलवायु परिवर्तन में बदलते तापक्रम एवं कार्बन उत्सर्जन के उचित प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। परियोजना समन्वयक डॉ. (श्रीमती) एम. रायचौधरी ने परियोजना के बारे में विस्तृत विवरण से प्रतिभागियों को अवगत कराया एवं बताया कि इस कार्यशाला के दौरान छह सत्रों में जलवायु परिवर्तन के विभिन्न आयामों पर चर्चा की जायेगी। आरंभ में स्वागत उद्बोधन अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.आर. मालू ने दिया एवं धन्यवाद परियोजना के वैज्ञानिक डॉ. पी.के. सिंह ने दिया। कार्यक्रम संचालन सहप्राध्यापक डॉ. एच.के. मित्तल ने किया।