पेसिफिक इन्स्टीट्यूट ऑफ ट्राईबल डवलपमेन्ट के तत्वावधान में
उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ ट्राईबल डेवलपमेंट के तत्वाधान में जनजाति विकास विषय पर 1 जून से दो दिनी अंतरराष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन प्रतापनगर एक्सटेंशन स्थित पेसिफिक इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी सभागार में होगी। 1 जून को सुबह 10 बजे प्रस्तावित उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि संभागीय एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल तथा विशिष्ट अतिथि मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो. फिरदौस श्रॉफ होंगे।
पेसिफिक ग्रुप के रजिस्ट्रार शरद कोठारी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था में जनजाति विकास ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। देश की बढ़ती जनसंख्या के कारण सामाजिक समानता की जरूरत बढ़ती जा रही है। जनजातियों को देश की मुख्य धारा में जोडऩे के लिए कई प्रयास करने होगे। जनजाति विकास के लिए सरकार के प्रयास सराहनीय है। हम उन्हींर योजनाओं में सहभागी बनकर उन्हें ग्रामीण स्तर पर क्रियान्वित करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि हमने एमएसडब्ल्यू के छात्रों द्वारा यहां सर्वे कराया और जनजाति बच्चों को आधारभूत सुविधाएं दिलाने सम्बन्धी जानकारी ली।
सेमिनार निदेशक कर्नल पी. एस. भटनागर ने बताया कि सेमीनार में पांच तकनीकी सत्र व करीब 182 पत्रों का वाचन होगा। सामाजिक एवं आर्थिक विकास व उत्थान सामाजिक समस्याएं, परम्पराओं व मूल्यों का संवर्धन एंव उपयोगी सुझाव आदि पर मुख्य रूप से तकनीकी सत्र होंगे। सेमीनार में डॉ. दिलीप शाह, डॉ. राकेश दशोरा, डॉ. पी. के. वैद्य, डॉ. श्याम कुमावत, डॉ. अजय कुमार, डॉ. टी. पी. सिंह, डॉ. एन. एम. खण्डेलवाल पत्रवाचन करेंगे।
पेसिफिक इंस्टीरट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टटडीज के के. के. दवे ने बताया कि भारतीय जनजातियां वर्तमान में अनेक समस्याओं से जूझ रही है। रोजगार के साथ-साथ उनकी शिक्षा एंव स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुये पेसिफिक इंस्टीटयूट ऑफ ट्राईबल डवलपमेन्ट सेमिनार का आयोजन कर रहा है।
सचिव के. एस. राठी ने बताया कि सेमीनार आयोजन के पीछे मुख्य उद्देश्य जनजाति क्षेत्र के 10 हजार विद्यार्थियों को शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में आगे लाकर उनकी समस्याओं का हल कराना है। सेमीनार में प्राप्त सुझावों को भारत सरकार के जनजाति मंत्रालय को भेजे जाएंगे।