देवास से पानी पहुंचने पर हर्ष
उदयपुर। देवास से पीछोला में पानी बुधवार दोपहर बाद पहुंचना शुरू हो गया। इससे पीछोला के जल स्तनर में बढ़ोतरी होने लगी है। हालांकि दिन भर बादल छाए रहे। कुछ बूंदाबांदी भी हुई जिसने मौसम को खुशनुमा बनाए रखा।
शहरवासी भी मौसम का आनंद लेने निकल पड़े। छाते ठीक कराने वालों की भी निकल पड़ी। शहरवासियों ने अब छाते निकाल लिए हैं। जगह-जगह फुटपाथ पर लोग छाते ठीक करवाते दिखे वहीं युवा फतहसागर पर बंसियों पर बैठकर बारिश का इंतजार करते रहे।
उल्लेखनीय है कि देर से सक्रिय हुए मानसून ने एक ही दिन में हर किसी को खुश कर दिया था। जलाशयों में भी पानी की आवक अब धीमी हो गई है। शाम तक सीसारमा डेढ़ फीट चल रही थी। वहीं नांदेश्वदर चैनल एक फीट बह रहा था।
देर से पहुंचे मानसून ने एक दिन में ही जमकर बरसात करते हुए जलाशयों में उबाल ला दिया। वागड़ अंचल में तो 7-12 इंच तक पानी बरस गया। कहीं कहीं तालाब भी छलक गए।
उधर देवास का पानी पहुंचने पर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष लालसिंह झाला, जिला प्रमुख मधु मेहता, प्रवक्ता हेमंत श्रीमाली, श्यायमलाल चौधरी आदि ने कहा कि आधुनिक राजस्थान के निर्माता का सपना 45 वर्ष बाद अब पूरा हुआ। कांग्रेस नेता पंकज शर्मा ने भी हर्ष जताते हुए मुख्यमंत्री से इसके तीसरे व चौथे चरण की राशि जारी करने का आग्रह किया। झील संरक्षण समिति के डॉ. तेज राजदान, अनिल मेहता, नंदकिशोर शर्मा, तेजशंकर पालीवाल, भंवरसिंह राजावत आदि ने मुख्यामंत्री अशोक गहलोत, सांसद रघुवीर मीणा एवं विधायक गुलाबचंद कटारिया का आभार जताते हुए तीसरे व चौथे चरण की राशि शीघ्र जारी करवाने का आग्रह किया है। इन्होंने कहा कि यदि झीलों को सदानीरा रखना है तो जल का अतिदोहन एवं लीकेज बंद करने होंगे अन्यथा कोई भी योजना झीलों को वर्ष भर पानी से लबालब नहीं रख पाएगी।
Solution of keeping our lakes filled is to remove all the hurdles of the catchment areas….. no encroachment in the water flow….. Dewas water is the temporary measure…. time will come when we won’t find Dewas water also little….