udaipur. समय का चक्र निरन्तर चलता रहता है, समय अपनी गति से प्रवाहमान हैं। इंसान बचपन,जवानी व बुढ़ापा सभी प्रकार की अवस्था में रहता है लेकिन समय रहते जो सम्भल जाए वह बुद्धिमान और जो समय की कीमत नहीं समझें वह मूर्ख कहलाता है। समय की महत्ता समझने वाला व्यक्ति ही जीवन में आगे बढ़ सकता है।
उक्त विचार आचार्य सुकुमालनन्दी महाराज ने सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में आयोजित चातुर्मासिक प्रवचन में व्यक्त किये। आचार्यश्री ने कहा कि समय की कीमत की नासमझी की वजह से व्यक्ति अपनी जवानी व्यर्थ में ही खो देता है और बचपन खेलकूद में ही बिता देता है और जब बुढ़ापा आता है तो शक्तिहीन होने के कारण कुछ नहीं कर सकता। इंसान अपनी शक्ति, अपनी ऊर्जा,अपनी बुद्धि व्यर्थ कामों में व्यर्थ ही गंवाने में लग रहा है। आचार्यश्री ने कहा कि समय निरन्तर बदलता जा रहा है और जो समय के अनुसार ढल जाए वो बुद्धिमान कहलाता है।
धर्मसभा में आज दीप प्रज्वलन अहमदाबाद के चेतनकुमार शाह ने किया। आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन का सौभाग्य वैद्यराज अशोक कुमार, डालचन्द मुंडलिया परिवार द्वारा किया गया। शाम को चातुर्मास समिति की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें चातुर्मास सम्बन्धी महत्वपूर्ण निर्णय किये गये।