udaipur. देव शास्त्र गुरू के समक्ष हृदय पूर्वक ही जाना चाहिये। क्योंकि जैसीर भावना से मंदिर या सत्संग में जाओगे आपको वैसा ही फल मिलेगा। सांप कितनी ही टैढ़ी-मेढ़ी चाल चले लेकिन जब भी वह अपने बिल में प्रवेश करेगा तो सीधे ही प्रवेश करेगा। उसी प्रकार हम भी भगवान व गुरू के सामने जाएं तो मन स्वच्छ व सरल करके जाएं।
उक्त उद्गार आचार्य सुकुमालनन्दी महाराज ने सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में आयोजित सभा में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कुटिलता नरक का द्वार है। गुरू के सामने कभी भी झूठ व कुटिलता नहीं दिखाना चाहिये अन्यथा तद्ज़नित पाप 10 भव तक भी नहीं धुलता है। इससे पूर्व 28 तारीख को होने वाले महामृत्युंजय विधान के मुख्य पात्रों का चयन किया गया।
समता दिवस 27 से
27 अगस्त से प्रात:कालीन सत्र से ही त्रिदिवसीय 34वां समता दिवस महोत्सव प्रारम्भ होगा। प्रात: सत्र में विनयांजलि स्वरूप भजन व कविता पाठ होगा तथा रंगोली के माध्यम से से गुरूदेव का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। शाम को सांस्कृतिक संध्या होगी। दोपहर को निबन्ध, चित्र व मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन होगा। अस्पतालों में औषधि व फल वितरण होगा। ज्ञातव्य है कि 29 अगस्त को जन्में बालक विकास ने देश के सबसे कम उम्र में मुनि दीक्षा धारण की।