तीन दिवसीय समता दिवसीय समारोह शुरू, शोभायात्रा 28 को
उदयपुर। अगर हम इंसान बन कर जानवर की तरह व्यवहार करने लगे तो हमारे में और जानवर में क्या फर्क रह जाता है। अतएव हमें इंसान बन कर इंसानियत का धर्म निभाना चाहिये। हम मानव बनकर मानवता का धर्म निभाएं यही हमारा कर्तव्य है।
उक्त विचार सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में आचार्य सुकुमालनन्दी ने प्रात:कालीन धर्मसभा में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि नेता वही है जो देश की जनता के हित के बारे में सोचें क्योंकि देश की जनता ही मिलकर लोकतंत्र का निर्माण करती है। इसलिए नेता हो या जनता सभी को अपना कर्तव्य निर्वाह करना चाहिये। सोमवार को आयोजित धर्मसभा के दौरान राजस्थान सरकार के पूर्व गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
समता दिवस समारोह शुरू
समाज के प्रन्यास मण्डल अध्यक्ष भंवरलाल मुण्डलिया ने बताया कि समस्त शिरोमणी आचार्य सुकुमालनन्दी जी गुरूदेव ससंघ एवं सकल जैन समाज की ओर से तीन दिवसीय समारोह आज 27 अगस्त से हिरण मगरी से.11 स्थित आदिनाथ भवन में शुरू हुआ। प्रथम दिन भजन, कविता व रंगोली की प्रतियोगिता और आध्यात्मिक भक्ति संध्या के आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए। साथ ही प्रात:कालीन स्मरण में विनयांजलि स्वरूप भजन व कविता पाठ हुए। दिन में निबंध, चित्र एवं मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
वर्षायोग समिति के महामंत्री प्रमोद चौधरी ने बताया कि समता दिवस समारोह आचार्य सुकुमाल नन्दी के 34वें जन्म दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कल 28 अगस्त मंगलवार को सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन से टाउन हॉल तक विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें 34 झांकियां, 134 कलशधारी महिलाएं, 134 ध्वज सहित बालक वर्ग, हाथी-घोड़ा और युवक-युवतियां शामिल होंगे। दोपहर 2 बजे और युवक-युवतियां शामिल होंगे। दोपहर 2 बजे 134 इन्द्र-इन्द्राणियों द्वारा महामृत्युंजय महामण्डल विधान कार्यक्रम होगा। रात्रि में आचार्य के जीवन चरित्र पर आधारित नाटिका विकास में सुकुमाल का मंच दिल्ली की ओर से किया जाएगा। महामृत्युंजय विधान एवं प्रतियोगिता का आयोजन होगा। मुख्य समारोह के तहत 29 अगस्त को 34 परिवारों की ओर से पाद प्रक्षालन, अध्र्य समर्पण, जिनवाणी अर्पण एवं आरती की जाएगी। रात्रि 8 बजे चंचू जैन बाल कवि सम्मेलन एवं 10 बजे बाल जादूगर भौमिक शाह की प्रस्तुति होगी। इनके अलावा आरती सजाओं, शास्त्र सजाओं, धार्मिक चित्र, धार्मिक मॉडल, रंगोली सजाना तथा धार्मिक कविता, निंबध एवं भजन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएगी। 29 अगस्त को ही 2034 दीपकों से गुरूदेव की महाआरती की जाएगी।
इसके अलावा फल वितरण, पौधारोपण, गरीब छात्रों को पाठ्यसामग्री वितरण, वृद्ध दम्पती का स्वागत विज्ञान वृत्तियों का सम्मान, रक्तदान शिविर, पर्यावरण सुरक्षा, सफाई अभियान, जन प्याऊ की स्थापना जैसे अनेक आयोजन किए जाएंगे।