udaipur. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री अशोक बैरवा ने कहा कि प्रशिक्षण से दक्षता हासिल करने वाले मूक-बधिर एवं निशक्तजन युवाओं को विभाग की विश्वास योजना से जोड़कर स्वावलम्बी बनाएं।
उन्होंने यह सुझाव आज यहां विकलांग कल्याण समिति द्वारा एक करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित नि:शक्तजन व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र का अवलोकन करने के दौरान दिया। बैरवा ने प्रशिक्षण केन्द्र में कम्प्यूटर, सिलाई, प्रसाधन, अगरबत्ती, फोटोग्राफी, मोमबत्ती, हस्तकला, घरेलू विद्युत एवं उपकरण मरम्मत, इलेक्ट्रीकल मोटर बाइंडिंग, प्लम्बर, प्रिन्टिंग एवं बाइडिंग तथा मार्बल आइटम के प्रशिक्षण के लिए बनाये गये प्रकोष्ठों तथा प्रशिक्षण से निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी एवं विक्रय के लिए बनाये गये विक्रय केन्द्र का गहनता से अवलोकन किया और प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रक्रिया आदि की विस्तार से जानकारी भी ली। उन्होंने निशक्तजनों को प्रशिक्षण से दक्ष बनाने और स्वावलम्बी बनाने के लिए संस्था द्वारा किये गये इस प्रयास को एक अच्छा वीजन बताया। संस्था सचिव ने बताया कि विभिन्न स्तरों से जन सहयोग से एक करोड़ रुपये जुटा कर प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण कराया गया।
मूक-बधिर बच्चों से मिले : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री इससे पूर्व विकलांग कल्याण समिति पहुंचकर मूक-बधिर बच्चों से पूरे आत्मीय भाव से मिले और प्रत्येक बच्चे के पास पहुंचकर बातचीत की और उनके हौंसले व ज्ञान की भरसक सराहना की। मूक-बधिर बच्चों ने इशारों से उनके द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिये और कुछ बच्चों ने लिप रीडिंग के द्वारा कुछ शब्द बोल कर बताये। उन्होंने सचिव को कहा कि जो बच्चे अच्छा बोल लेते हैं और भली प्रकार पढ़ लेते हैं ऐसे बच्चों को सामान्य शिक्षा के स्कूलों से जोड़ने के प्रयास भी किये जाएं। उन्होंने विश्व विकलांग दिवस के मौके पर बच्चों को केप भी पहनाई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने आज अपने उदयपुर प्रवास के दौरान मानसिक विमंदितों के लिए संचालित आशाधाम आश्रम का भी अवलोकन किया। उन्होंने आश्रम में उपस्थित विमंदितों को केप व टीशर्ट भी भेंट की।