Udaipur. अब तक 21 वर्ष पुराने रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3050 विश्व स्तर पर सबसे अधिक क्लबों एंव सर्वाधिक सदस्य संख्या वाला डिस्ट्रिक्ट रहा है जो 1 जुलाई से तीन डिविजन रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3051, 3052 व 3053 में विभक्त हो जाएगा।
रोटरी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस डिस्ट्रिक्ट 3050 अधिकतम मेचिंग ग्रान्ट सहित अनेक उल्लेखनीय सेवा कार्या के लिए जनमानस सहित रोटरी सदस्यों के मनोमस्तिष्क में सदैव स्मरणीय रहेगा। 1991-92 में रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3050 की स्थापना के समय प्रथम प्रान्तपाल के रूप में निर्वाचित डॅा. यशवन्तसिंह कोठारी ने रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा आयोजित ‘रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3050 का इतिहास’ विषयक वार्ता मे मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उक्त बात कही। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस डिस्ट्रिक्ट 3050 में 175 क्लब एंव 8 हजार से अधिक सदस्य संख्या है जो 1 जुलाई 2013 से तीन डिविजन में विभक्त हो जाऐंगे। रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3052 में खेरवाड़ा को छोड़ते हुए उदयपुर, सीकर, सवाई माधोपुर, चित्तौडग़ढ़, टोंक, भीलवाड़ा, झालावाड़, कोटा, बून्दी, दौसा, जालोर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर सहित कोटपूतली व नीम का थाना क्लबों को छोड़ते हुए जयपुर क्लबों को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि 23 फरवरी 1905 को 4 मित्रों ने मिलकर रोटरी जैसी समाजसेवी संस्था की स्थापना की। जिसमें से पॉल पी. हेरिस एक थे। 19 सदस्यों के साथ शिकागो में प्रथम क्लब के रूप में एक बैठक आयोजित कर सेवा कार्यो के अभियान की औपचारिक शुरूआत की। 26 सितम्बर 1919 में रेाटरी ने सर्वप्रथम कलकत्ता के जरिए भारत मे प्रवेश किया और 1 जनवरी 1920 को पेलीटीज रेस्टोरेन्ट में रोटरी क्लब ऑफ कलकत्ता के रूप में प्रथम क्लब की बैठक हुई। डॅा. कोठारी ने बताया कि अब तक रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3050 का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है जो अगले 6 माह के बाद एक इतिहास बन कर रह जाएगा। पूर्व प्रान्तपाल निर्मल सिंघवी को रोटरी अन्तर्राष्ट्रीय निदेशक शेखर मेहता व वाई.पी.दास द्वारा 3 से 5 मई तक हैदराबाद मंथ आयोजित होने वाली रोटरी साउथ एशिया समिट 2013 के ट्रेजरार पद पर नियुक्त किये जाने पर क्लब पदाधिकारियों एंव सदस्यों ने मालाओं से लाद दिया। बैठक में क्लब अध्यक्ष सुशील बांठिया व सचिव ओ.पी.सहलोत ने भी विचार रखे। प्रारम्भ में श्रीमती राजेन्द्र चौहान ने ईश वंदना की जबकि अंत में सचिव सहलोत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।