Udaipur. सहायक वन संरक्षक डॉ. सतीश शर्मा ने कहा कि हमें प्रकृति द्वारा बनाये गये निमयों का पालन करते हुए अपना जीवन व्यतीत करना चहिए। 50 वर्ष बाद मनुष्य को वानप्रस्थाश्रम की ओर प्रस्थान कर देना चाहिए लेकिन मनुष्य इसकी पालना नहीं करता है।
वे आज वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति उमंग द्वरा योग सेवा समिति परिसर में आयोजित वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होनें कहा कि पोस्ट ब्रिडिंग एज के बाद सर्वाधिक आयु मनुष्य प्राणी जीता है। जानवरों में शेरनी की प्रसव की अधिकतम 14 वर्ष की आयु में अपने बच्चे को जन्म देने के बाद ढाई वर्ष में मर जाती है। मनुष्य को 60 वर्ष की उम्र के बाद व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए ताकि सभी के साथ मिलजुल कर रह सके। उन्होंने कहा कि बच्चे अक्सर इस उम्र में अने पिता को आराम दिये जाने की बात कहकर उन्हें चारपाई पर लिटा देते है जो उनकी अनेक बीमारियों का कारण बनती है। उन्होनें कहा कि मनुष्य को सुबह का भोजन डटकर,दोपहर का बांटकर तथा रात्रि को सीमित मात्रा में करना चाहिए। मुख्य अतिथि गजेन्द्र आंचलिया ने कहा कि वरिष्ठजनों एंव साधु-सन्तों का मार्गदर्शन जीवन में नई आशा का संचार करता है। इनके माग्रदशन से समाज व परविार हर क्षेत्र में तरक्की करता है। समिति के सदस्य एंव महिलाओं के बीच अन्ताक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रारम्भ में संस्थापक अध्यक्ष डा. सुन्दरलाल दक ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और चुटकले सुनाकर सभी का मनोरंजन किया।