Udaipur. निरंकारी बाबा संत हरदेवसिंह ने कहा कि दुनिया में सिर्फ नाम से काम नहीं चलता, उसके लिए शब्द का बोध करना पड़ता है। इंसान सिर्फ परमात्मा के नाम तक ही सीमित होकर रह गया है। वह उसका बोध नहीं करता। यह ठीक वैसी ही बात है कि शक्करर कहने मात्र से खीर मीठी नहीं हो जाती। खीर में शक्कर नाम की वस्तु डालनी पड़ती है।
वे यहां भूपालपुरा ग्राउंड में बुधवार शाम हुए संत समागम में साधकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर इंसान नफरत और ईर्ष्या छोड़ दे तो उसका पार पाना निश्चित है। यदि नींव ही नहीं है तो इमारत का होना मुश्किल है। तमाम पीर पैगम्बरों ने एकत्व का नारा दिया। एकत्व यानी एकता। धरती पर अलग अलग चीजें होने के बावजूद वे एक लगती हैं जैसे चट्टानें, नदियां, झरने, रेगिस्तान, समुद्र आदि। सही मायमों ने यह समागम एकत्व का पर्व है।
अजमेर से आए क्षेत्रीय प्रभारी धमनदास निरंकारी ने कहा कि बुरी सोच होने से इंसान में प्रेम का अभाव हो गया है। प्रेम इंसान को भगवान बना देता है। स्थानीय संयोजक जीतसिंह निरंकारी ने समागम में सहयोग के लिए सभी का आभार जताया।