Udaipur. बलीचा में निमार्णाधीन सुप्रकाशमति माताजी ध्यान केन्द्र में भगवान शान्तिनाथ के 4 द्वारों का पूजन हुआ। भूमि शुद्धि पूजन के बाद मंगलकलश की स्थापना की गई। सफेद संगमरमर से निर्मित कलात्मक द्वारों का शुद्धिपूजन किया गया।
सुप्रकाश ज्योतिमंच के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि मुख्य द्वार का पूजन सम्भग अध्यक्ष राजेश शाह,प्रान्तीय अध्यक्ष सुन्दरलाल डागरिया, प्रथम द्वार का पूजन राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रितेश अखावत एंव निलेश मेहता, द्वितीय द्वार का पूजन पूर्व अध्यक्ष रमेश केरोत एंव जितेन्द्र सोमावत, तृतीय द्वार का अशोक भदावत एंव सुरेश डागरिया द्वारा तथा चतुर्थ द्वार का ज्योति मच के अध्यक्ष जितेन्द्र रजावत एंव रमेश जसोत द्वारा सम्पन्न हुआ। पूजन के पश्चात सभी द्वारों को शुद्ध घी चढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि ध्यान केन्द्र के प्रथम तल के निर्माण के पश्चात केन्द्र का स्वरूप निखरने लगा है।
निर्माण संयोजक हीरालाल मालवी ने बताया कि द्वितीय तल द्वार का पूजन जून में समाज के राष्ट्रीय स्तर पर होगा। मंदिर के वास्तु विशेषज्ञ अतुल सेामपुरा ने बताया कि प्रथम तल पर जहां इच्छापूर्ण मां ज्वालामालिनी की प्रतिमा विराजित की जाएगी। द्वितीय तल पर भगवान शान्तिनाथ की प्रतिमा विराजित होगी। कार्यक्रम पूजन में अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति महिला मंच द्वारा 108 दीपों से आरती की गई जो मानों तीर्थ सा महसूस हुआ। 6 माह पश्चात स्वामी वात्सल्य भवन का कार्यक्रम का कार्य प्रारम्भ होगा। जयपुर में विराजित राष्ट्र गौरव गुरू मां गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी से 3 डी नेट से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होनें कहा कि किसी भी मार्ग पर चलने के लिए मागर्दशक की आवश्यकता होती है। मार्गदर्शक द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलने के लिए साथी की भी आवश्यकता होती है और साथी मिल जाने पर मार्ग आसानी से पार हो जाता है।