बसंत पंचमी पर हुए विविध आयोजन
Udaipur. स्कूलों में विद्या की देवी सरस्वती की पूजा अर्चना कर रंगारंग कार्यक्रम हुए वहीं विभिन्न समाजों के सामूहिक विवाह आयोजनों में वर वधुओं ने सात फेरे लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत की। इस बार दो पंचमी के कारण शुक्रवार को भी बसंत पंचमी मनाई जाएगी।
ऋतुराज वसंत यानी खिल उठने, खुश होने का पर्व। सर्दी के तुरंत बाद इसके आगमन से जीवन में आनंद, उमंग, स्फूहर्ति का संचार होने लगता है। मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस होने के कारण यह शिक्षा व चेतना के जागरण के लिए खास माना जाता है। बसंतोत्सव तीनों ऋतुओं के संगम का नाम है। जब सर्दी, गर्मी और वर्षा ऋतु का मिलन या अहसास हो। इस मास की पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाते हैं। आकाश में बादलों की मौजूदगी से धूप छांव का दौर रहा वहीं मौसम के बदलते मिजाज से प्रकृति खिली खिली रही। जगदीश मंदिर में भी गुरुवार को बसंत पंचमी मनाई गई। ठाकुरजी को केसरिया श्रृंगार धराकर आरती की गई। केसरिया भात, केसरिया लड्डुओं का भोग लगाया गया। फागोत्सव की धूम शुरू हो गई।
राजपूत समाज, मेढ़ सोनी समाज और सर्व ब्राह्मण समाज के सामूहिक विवाह समारोह हुए। हेमराज व्यायामशाला में राजपूत महासभा की ओर से 8 जोड़ों की सामूहिक बारात निकली जो विभिन्न स्थानों से होते हुए वापस विवाह स्थ ल पहुंची। दूल्हों के तोरण की रस्मस के बाद फेरे हुए। अग्रवाल धर्मशाला में सर्व ब्राह्मण समाज के तो ठोकर स्थित रेलवे ग्राउंड मैदान पर सोनी समाज के सामूहिक विवाह संपन्न हुए।
राजपूत समाज के सामूहिक विवाह में आठ जोड़ों को आठवां वचन कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने का संकल्प कराया गया। राजपूत महासभा संस्थान की ओर से समाज की 24 प्रतिभाओं को अलंकरण से नवाजा गया। समाज के प्रवक्ता सुदर्शनसिंह भाटी ने बताया कि अलसुबह मंगल गीत के बाद दूल्हा-दुल्हन की सामूहिक बारात विवाह स्थल से रवाना हुई। समाजजन पारम्परिक वेशभूषा में थे। बारात घूमकर व्यायामशाला पहुंची जहां दूल्हों की तोरण रस्म अदायगी की गई वहीं दुल्हन परिवार ने दूल्हों की आरती उतारी। मुख्य अतिथि राजपूत महासभा की प्रदेश अध्यक्ष रिंकू कुंवर राठौड़, महिला समिति की अध्यक्ष सरस्वती देवी तंवर, राधाकिशन राठौड़, विरेंद्रसिंह सोलंकी, जसवंत सिंह चौहान, देवीसिंह तंवर एवं कांग्रेस अध्यक्ष नीलिमा सुखाडिय़ा आदि ने सम्बोधित किया।
बसन्तोत्सव
विद्या भवन सीनियर सैकण्डरी स्कूल में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विद्याभवन स्कूल की पूर्व प्राचार्या व विद्याबंधु संघ की उपाध्यक्ष पुष्पा शर्मा थी। विद्याभवन सोसायटी के संरक्षक प्रो. जगत मेहता ने विद्यार्थियों को अज्ञानता का अंधकार दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाने, मेहनत, लगन एवं निष्ठा से शिक्षा के क्षेत्र में जुडऩे का संकल्प दिलाया। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने बसंत ऋतु पर आधारित सरस्वती वंदना, एकल नृत्य, समूह नृत्य, कविता आदि की मोहक व आकर्षक प्रस्तुतियां दी। प्राचार्य ई. एच. काजी ने धन्यवाद दिया।
मेदपाट ललित कला अकादमी में बसंत पंचमी पर मां वाग्देवी के जन्मदिन पर सरसों के फूल के साथ बच्चों ने फल चढ़ाकर कला साधनों की पूजा अर्चना की। संस्थान के पुष्कर लोहार ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
शिशु भारती विद्यालय में आचार्य देव श्रीमाली के सान्निध्य में बच्चों ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना की। मां का पीले सरसों व धान अभिषेक किया गया। छोटी कक्षा के बच्चों के लिए मातृ-पितृ दिवस मनाया गया।