मल्टी मीडिया स्कल्पचर कार्यशाला
Udaipur. पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित राष्ट्रीय स्तर की ‘मल्टीमीडिया स्कल्पचर कार्यशाला’ के समापन पर मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्व्विद्यालय के कुलपति आई.वी. त्रिवेदी ने कला शिक्षा को स्कूली शिक्षा से जोडऩे की आवश्यकता जतलाई।
शिल्पग्राम में आयोजित दस दिवसीय कार्यशाला के समापन पर त्रिवेदी ने कहा कि हमारे यहां कैरियर काउंसलिंग नहीं है। इससे छात्रों को कला विषय चुनना कठिन होता है। उन्होंने कहा कि हम इस बात के प्रयास करेंगे कि कला शिक्षा को माध्यमिक शिक्षा स्तर से प्रारम्भ करने की व्यवस्था हो ताकि नूतन पीढ़ी में कला को परखने व सराहने के गुण कर विकास हो सके तथा वे कला क्षेत्र को अपना सकें। वरिष्ठ कलाकार अमिताभ भौमिक ने स्कूलों में कला शिक्षा को अनिवार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने इसके लिये व्यापक वित्त प्रबन्धन की बात कही। उन्होंने कहा कि वित्तीय मदद के बिना कला में रहना अत्यंत कठिन है। कार्यशाला के सम्बन्ध में भौमिक ने बताया कि वरिष्ठ और युवा कलाकारों में शैलीगत, वैचारिक व तकनीकी आदान-प्रदान की दृष्टि से मल्टीमीडिया वर्कशॉप एक अच्छा अनुभव है।
कलाकार अशोक गौड़ ने कहा कि कार्यशाला में पारंपरिक शिल्पकारों से भी काफी सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि शिल्पकारों से ज्ञान लेने में परहेज नहीं करना चाहिये। केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने अतिथियों व कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कलाकारों को ईश्वर के बाद दूसरे स्थान की संज्ञा देते हुए कहा कि ईश्वर ने सब बनाया जबकि ये कलाकार ईश्वर निर्मित चीजों से फिर कुछ नया बनाते हैं। उन्होंने कहा कि कलाकारों का समाज को महती योगदान है। कार्यशाला समन्वयक महेन्द्र भाई कडिय़ा द्वारा सृजित चित्र प्रो. त्रिवेदी को भेंट किया गया। इससे पूर्व अतिरिक्त निदेशक फुरकान खान ने कहा कि आमतौर पर कला व शिल्प नमूने देखे जा सकते हैं किन्तु उनके निर्माण की प्रक्रिया व तकनीक को देखने का अवसर इस कार्यशाला में युवाओं को मिल सका। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में अहमदाबाद के अर्पित बिलोरिया, देवीबा वाला, मनोज सोनारा, हर्षद पंचाल, दर्शना यास्मीन, निकेश कनुभाई डाबगर, संजीश, गुजरात से चिन्तन मेवाड़ा, महाराष्ट्र के रत्नागिरी से संदीप तम्हाणकर, मेजस बोहिर, रितेश मेशराम, रोहन सुरेश पंवार, आसारसा रंजीत, जयपुर के अशोक गौड़, नई दिल्ली के श्रीकांत पाण्डे, अमिताभ भौमिक, चेन्नई के आर. श्रीनिवासन, जम्मू के रविन्दर जमुआल, छत्तीसगढ़ के नंदलाल विश्वकर्मा, उदयपुर के पुष्पकांत त्रिवेदी, दिनेश उपाध्याय, रोकेश कुमार सिंह, व सचिन दाधीच ने भाग लिया। समापन पर कलाकारों को स्मृति विन्ह भेंट कियें गये तथा कला कृतियों का प्रदर्शन किया गया। कला कृतियों को कई कला प्रेमियों व पर्यटकों ने देखा व सराहा।