एडवांस कम्प्यूटिंग एंड क्रिएटिंग एंटरप्रिनर्स पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन
64 शोध पत्र चयनित
Udaipur. ऑनलाइन संसाधनों को मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए सुरक्षा तकनीकों में सुधार लाने की महत्ता समझें ताकि कोई इसमें सेंध न लगा सके। साथ ही नेटवर्किंग को मजबूत करने, क्लाउड कम्यूटिंग के माध्यम से शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए नए प्रोजेक्ट लाने, संचार के लिए स्थानीय भाषाओं का प्रयोग करने, शिक्षा में नई तकनीकों के इस्तेमाल करने पर जोर भी दें।
ये सभी निष्कर्ष निकले गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज, डबोक, कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया एवं आईईईई कम्प्यूटर सोसायटी चेप्टर इंडिया काउंसिंल के तत्वावधान में आयोजित एडवांस कम्प्यूटिंग एंड क्रिएटिंग एंटरप्रिनर्स विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में। आयोजन सचिव रिद्धिमा खमेसरा सम्मेलन के निष्कर्ष बताए।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि सीटीएई के अधिष्ठाता एन. एस. राठौड़ ने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर के बढ़ते उपयोग व कम्प्यूटर से शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाया जा सकता है। उन्हों ने इसके विविध तरीकों की जानकारी दी। कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया के एस. सी. भाटिया ने भारत में एडंवास कम्प्यूटिंग की जरूरतों को बताया। उन्होंने कहा कि देश की लगातार बढ़ रही जनसंख्या के बावजूद नई तकनीकों के अधिकाधिक प्रयोग कर अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकता है। सम्मेलन में प्रस्तुत शोध 251 पत्रों में से 64 शोध पत्रों का चयन किया गया। चयनित पत्रों इंटरनेशनल जर्नल ऑन एडवांस रिसर्चेस इन कम्प्यूटर साइंस में प्रकाशित किए जाएंगे। सम्मेलन में सम्मेलन में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़ सहित देशभर के 100 प्रतिनिधियों व विद्यार्थियों ने भाग लिया।