सेमारी को तहसील की घोषणा पर भी हर्ष
udaipur. राज्य के मुख्यंमंत्री अशोक गहलोत का इस कार्यकाल का अंतिम बजट पूरी तरह जनता को समर्पित रहा। खास तौर से उदयपुर को नगर निगम बनाने की घोषणा से उदयपुरवासियों में हर्ष है। इसमें गरीब, किसान, युवा, वरिष्ठब नागरिक, महिलाओं सभी को शामिल किया गया है। सभी के लिए कुछ न कुछ प्रावधान किए गए हैं।
उदयपुर नगर परिषद को नगर निगम बनाने की घोषणा से उदयपुरवासी प्रफुल्लित हो गए। जहां तहां आतिशबाजी की गई तो कहीं मिठाई बांटकर हर्ष जताया गया। भाजपा नेताओं ने भी बयान में नगर निगम बनाने की घोषणा का स्वागत तो किया लेकिन विपक्ष के तौर पर बजट को चुनावी भी बता दिया।
यूआईटी ने इसमें अधिक भूमिका निभाई। उसने 36 गांवों को नगर परिषद सीमा में शामिल कर जनसंख्या 6 लाख की और इससे उदयपुर नगर निगम का हकदार बन गया। नगर निगम बनने से जहां शहर में विकास के रास्ते खुलेंगे वहीं जनप्रतिनिधियों को विकास कराने के अधिक अवसर मिलेंगे। अब यहां 55 के बजाय 80 पार्षद होंगे। सीमा विस्तार होगा। अब सभापति के बजाय पद महापौर का होगा। उन्हें लाल बत्ती की गाड़ी तो मिलेगी ही, साथ ही सुविधाओं में भी वृद्धि होगी। प्रशासनिक ढांचे में भी विस्तार होगा। विकास की बड़ी योजनाएं बन सकेंगी। शहर में निगम की घोषणा होते ही भाजपा कांग्रेस नेताओं व पार्षदों ने भी बधाई दी।
जिले के सेमारी कस्बे को तहसील का दर्जा देने की घोषणा की सुचना मिलते ही ग्रामीण बस स्टेण्ड पर एकत्रित हुए तथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बधाई देकर मिठाई खिलाई। बस स्टेण्ड पर जारे शोर से अतिशबाजी की गई। इस दौरान ऋषभदेव ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री विजयराम कलासुआ,रामलाल सोनी, कल्याणसिह शक्तावत, पन्नालाल मेघवाल, सेवादल के प्रभुलाल बुज, नारायण कलाल, तरूण जैन, प्रवीण सोनी, अनिल दर्जी, विष्णुप्रसाद जोशी सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता तथा ग्रामीण उपस्थित थे।