Udaipur. शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने पूरे देश में इन्कलाब जिन्दाबाद के नारे को आजादी के आंदोलन में घर घर तक पहुंचाया, जो नारा आज भी हर आंदोलन में आंदोलनकारियों में जोश पैदा करने के लिए प्रमुखता से लगाया जाता है। भगत सिंह ने इन्कलाब जिन्दाबाद के नारे के बारे में बताते हुए कहा था कि इन्कलाब (क्रांति) से ही सड़ी गली व्यवस्था समाप्त हो समानता पर आधारित समाज व्यवस्था की स्थापना होगी।
ये विचार भारत की जनवादी नौजवान सभा के राज्य उपाध्यक्ष राजेश सिंघवी ने भगत सिंह के 83वें शहादत दिवस के पूर्व आयोजित रैली एवं रक्तदान अवसर पर सार्वजनिक चिकित्सालय में हुई सभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगत सिंह का राजनैतिक जीवन अन्य क्रांतिकारी नेताओं की अपेक्षा छोटा अवश्य था, परन्तु था तूफानी घटनाक्रम से भरपूर, इसीलिए भगत सिंह युवाओं के ’’रोल मॉडल‘‘ बने हुए हैं।
बार एसोसिएशन की वित्त सचिव स्वाति रॉबर्ट ने कहा कि आज देश को भगत सिंह को कमी खलती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता को बच्चे के जन्म से ही भगत सिंह को आदर्श मानकर उनकी बहादुरी व जनता के प्रति वैचारिक प्रतिबद्धता को समझाना होगा। सभा को नौजवान सभा के सभा के जिलाध्यक्ष भीमसिंह सिसोदिया, शहर अध्यक्ष शैलेन्द्र मेहता, जिला सचिव ललित मीणा आदि ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व सभा के कार्यकर्ताओं ने भगतसिंह के होर्डिंग व प्लेकार्ड के साथ एक रैली निकाली, जो टाउन हॉल से प्रारम्भ होकर सूरजपोल, झीणीरेत, सिंधी बाजार, घण्टाघर, हाथीपोल, चेटक सर्कल होते हुए सार्वजनिक चिकित्सालय पहुंची। रैली में कार्यकर्ता ’भगतसिंह के सपनों को मंजिल तक पहुंचायेंगे’, ’इंकलाब जिंदाबाद’, ’साम्राज्यवाद मुर्दाबाद’, ’भगत सिंह अमर रहे’, ’जब तक सूरज चांद रहेगा भगत सिंह का नाम रहेगा’ नारे लगाए। सभा के बाद नौजवान सभा के कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। रक्तदान करने वालों में शैलेन्द्र मेहता, भरत सेठ, प्रमोद टांक, महुआ बनर्जी, पुष्पेन्द्र डी, स्वाति रॉबर्ट आदि शामिल थे। 23 मार्च शाम 6 बजे शहीदे आजम भगत सिंह के मूर्ति स्थल पर शहादस दिवस कार्यक्रम होगा।