ठाट से निकली गणगौर की सवारी
Udaipur. गोर गोर गोमती, ईसर पूजे पारवती के गीतों के साथ शनिवार को शहर में सुहागिनों ने गणगौर पूजन किया। कहीं कहीं सामूहिक गणगौर उद्यापन भी हुए तो पर्यटन विभाग की ओर से मेवाड़ महोत्सव का आगाज भी हुआ। पहले दिन शाम को गणगौर की सवारी ठाट से निकाली गई।
मेवाड़ महोत्सव के तहत तीन दिनी इस कार्यक्रम में पहले दिन बंशी घाट से गणगौर घाट तक शाही गणगौर को नाव में बिठाकर यात्रा निकाली गई। इसके बाद हुई सांस्कृतिक संध्या में राजस्थानी लोकगीतों की धूम रही। शुक्रवार को दांतण हेला की रस्म के बाद शनिवार को सुहागिनों ने घरों में स्थापित गणगौर की विधिवत पूजा अर्चना की। महिलाओं ने शिवस्वारूप ईसरजी एवं मां पार्वती स्वरूपा गौरी से चूड़ा और चूंदड़ की रक्षा की कामना की वहीं कन्याओं ने अच्छे वर की कामना के लिए पूजा की।
सोलह श्रृंगार कर महिलाएं अपनी बहू बेटियों के साथ गणगौर स्था नक पहुंची। वहां दीवार पर 16-16 बिंदियां अंकित कर गीत गाए और गणगौर प्रतिमाओं के समक्ष दही, हल्दीर, मेहंदी आदि से पूजन किया। अक्षत, सुपारी कापड़ा, मीठे –नमकीन खाजे पापड़ी का भी भेग लगाया।
शाम को विभिन्नज मोहल्लों से गणगौर की सवारी शोभायात्रा के रूप में गणगौर घाट पहुंची जहां जल आचमन की रस्म के बाद उन्हें वापस मोहल्लों में लाया गया जहां देर तक भजन कीर्तन व नृत्य के आयोजन हुए। पूर्बिया कलाल समाज, मारु कुमावत समाज, राजमाली समाज की ओर से भी गणगौर की सवारियां निकाली गईं। इन्हें देखने शहर का हुजूम उमड़ पड़ा।