यूनेस्को क्लब्स एसोसिएशन का सम्मेलन
Udaipur. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रसन्न खमेसरा ने कहा कि युवा देश का भविष्य है। समाज के बदलाव में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे यूनेस्को क्लब्स एसोसिएशन और डॉ. मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित द्वि-वार्षिक सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि क्लब्स को ऐसी गतिविधियों से अधिकतम युवाओं को जोड़ना चाहिए, जिससे देश की उन्नति, शान्ति और बन्धुत्व की भावना का विकास हो। अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी सीए श्याम सिंघवी ने कहा कि मानवाधिकार और विश्व शान्ति के साथ ही समाज में व्याप्त गरीबी, अभाव और अशिक्षा पर भी यूनेस्को क्लब को कार्य करने की जरूरत है।
मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय एस. मेहता ने यूनेस्को के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान में शिक्षा एवं स्वास्थ्य की समस्याओं का उल्लेख करते हुए उनके निराकरण में नागरिक संस्थाओं की आवश्यकता पर बल दिया। यूनेस्को क्लब्स के कार्यकारी अध्यक्ष श्याम बनवाडी़ ने बताया कि राजस्थान एकमात्र राज्य है जहां आम नागरिकों ने यूनेस्को क्लब, भीलवाड़ा का गठन किया है। यूनेस्को में व्यक्ति नहीं वरन् राष्ट्र सदस्य होते है। उदयपुर को यह गौरव हासिल है कि यहां के स्व. डॉ. मोहन सिंह मेहता को यूनेस्को अवार्ड से नवाजा गया था। ट्रस्ट सचिव नन्द किशोर ने बतलाया कि चार दिन तक चलने वाले इस आयोजन में मानवाधिकार, विश्वशान्ति, शिक्षा, गरीबी, पानी और पर्यावरण, लैंगिक असंतुलन, स्वैच्छिक नागरिक संस्थाओं की चुनौतियां तथा समाज में व्याप्त रूढ़ियों पर गम्भीर मंथन किया जायेगा। इस दौरान विभिन्न विषय विशेषज्ञ व्यख्यान देंगे। नेहरू हॉस्टल में आयोजित कार्यक्रम में यूनेस्को क्लब्स के दिल्ली, नागालैण्ड, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान के भीलवाड़ा, चित्तौड़, अजमेर, जयपुर के सदस्यों सहित शहर के गणमान्य नागरिकों ने शिरकत की।
आरम्भ में यूनेस्को क्लब्स राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र भटनागर ने स्वागत करते हुए बताया कि यूनेस्को के एक सौ तिरानवे देश सदस्य है तथा सदस्य देशों के लिये नेशनल कमीशन फॉर यूनेस्को क्लब्स बनाना मेण्डेट्री है। भारत में यह कमीशन मानव संसाधन मंत्रालय के अधीन है। कार्यक्रम पूर्व द्वीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण तथा बीना गौड़ तथा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। मुश्ताक चंचल ने साम्प्रदायिक सौहार्द पर नज्म प्रस्तुत की। संयोजन कवियत्री शकुन्तला सरूपरिया ने किया।