सूचना केन्द्र में संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह अंतर्गत प्रदर्शनी शुरु
Udaipur. एक तरफ सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाना आवश्यक हो गया है वहीं अफसोस है कि शहर के कृषि महाविद्यालय व एम. बी. कॉलेज के पास फुटपाथ को तोड़ा गया है। फुटपाथों को खत्मक कर पार्किंग की सुविधा देना कानूनन उल्लं घन है।
कुछ ऐसे विचार व्यमक्त किए प्रो. महेश शर्मा ने जिनकी एकल फोटो प्रदर्शनी सूचना केन्द्र में बुधवार को शुरू हुई। उदघाटन संभागीय आयुक्तक डॉ. सुबोध अग्रवाल ने किया। प्रो. शर्मा ने कहा कि विश्व स्तर पर पैदल चलने वालों के सुरक्षित फुटपाथ की मांग बढ़ रही है। राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 में भी शहरों में न्यूनतम डेढ़ मीटर के पार्किंग की व्यवस्था के लिए धारा 190 में स्पष्ट उल्लेख है किन्तु पिछले वर्षों में कई फुटपाथों को तोड़कर कारों के पार्किंग के लिए व्यवस्था की गई। हाल ही में पुन: कृषि महाविद्यालय एव एम. बी. कॉलेज के पास फुटपाथ को तोड़ने का निर्णय किया गया जो खेदजनक है।
संभागीय आयुक्त डॉ. अग्रवाल ने कहा कि विश्व में बिजी मोटराइज्ड परिवहन विस्तार ने पैदल चलने वालों के लिए मौत व अपंगता की जोखिम कई गुना बढा़ दी है। आज विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष मरने वाले 12 लाख 40 हजार में से एक चौथाई लोग सड़क पर पैदल चलने वाले लोग हैं। इनमें अधिकांश बच्चे व बुजुर्ग लोग हैं। उन्होंेने कहा कि हर सप्ताह पैदल चलने वाले 5000 लोग मारे जाते है व इससे कई गुना अधिक लोग अपंग होकर परिवार का सहारा बनने की जगह बोझ बन जाते हैं। उन्होंने बताया कि जहां विश्व में 133000 बच्चे स्कूल जाते हुए सड़कों पर मारे जाते है वहीं भारत में 7,800 बच्चे सड़क पर हर वर्ष अकाल मृत्यु के ग्रास बन जाते हैं। सड़क सुरक्षा पर ध्यान नहीं देने से भारत अपनी सबसे मूल्यवान सम्पति खो रहा है। जिस पर देश ही नहीं, लाखों परिवारों ने अपने सपनों की बुनियाद खडी़ की है। युवा मानव संसाधन आधिक्य भारत में सर्वाधिक सड़क पर मौतें युवाओं की हो रही है। हमें शिक्षा व सामाजिक जागरुकता के माध्यम से इसे रोकना होगा। इसके लिए शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरूद्घ सख्ती बरतनी होगी। सीट बैल्ट, हेमलेट बच्चों की सीट के कानून कडे़ करने होंगे। रफ्तार पर रोक लगानी होगी।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जितेन्द्रसिंह ने कहा कि शहरों में पैदल चलने वाले लोगों के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण करना होगा जो उन्हें स्वचालित ट्राफिक से अलग करने की जरुरत है। इससे न सिर्फ लोगों की जाने बचेगी बल्कि लोगों को पैदल चलने को प्रेरित करेगा। अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी एम. एल. रावत ने सुरक्षित पैदल मार्ग के लाभ बताते हुए कहा कि इससे ना सिर्फ पर्यावरण की सुरक्षा होगी बल्कि लोगों का स्वास्थ्य भी सुधरेगा। इस अवसर पर जिला परिवहन अधिकारी मुरली नारायण माथुर व ओ. पी. बैरवा ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर एपीआरओ पवन शर्मा एवं एल. आर. शर्मा सहित बडी़ संख्या में दर्शक मौजूद थे।