Udaipur. कुंभलगढ़ रोड़ स्थित ढूंढी गांव में आज नागदा समाज का प्रथम सामूहिक विवाह हुआ। इसमें समाज के पांचों चौखलों के सात जोड़े विवाह बंधन में बंधे। सामूहिक विवाह में वर-वधु को कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने की शपथ दिलाई गई।
नागदा ब्राह्मण समाज के प्रथम सामूहिक विवाह में सात जोड़े परिणय-सूत्र में बंधे। नागदा महासभा संघ द्वारा आयोजित प्रथम नागदा ब्राह्मण समाज का सामूहिक विवाह गोगुन्दा के गांव ढूंढी में सम्पन्न हुआ। शुरूआत शोभायात्रा के साथ हुई। वधू पक्ष द्वारा बारातों का भव्य स्वागत किया गया। तत्पश्चात वरमाला का आयोजन हुआ। विवाह समारोह में समाज के सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ। वर-वधुओं को कन्या भू्रण हत्या नहीं करने का संकल्प पत्र भरवाया गया। सामूहिक विवाह की सम्पूर्ण व्यवस्था मगरा युवा मण्डल के तत्वावधान में की गई। मगरा चौकला के अध्यक्ष हीरालाल नागदा ने बताया कि इस सामूहिक विवाह का मुख्य उद्देश्य समाज में शादियों में होने वाले फिजूल खर्च को कम करना है। सचिव गणेशलाल ने बताया कि आने वाले समय में इस सामूहिक विवाह को भव्य रूप दिया जाएगा।
समाज के प्रथम सामूहिक विवाह में समाज के मौतबीर विष्णुशर्मा हितेषी ने कहा कि काफी समय से समाज में सामूहिक विवाह कराए जाने की चर्चा चल रही थी लेकिन रूढीवादी विचारो से लोग हिचक रहे थे लेकिन समय की मांग को देखते हुए युवाओ ने बुजुर्गो को साथ लेकर सामूहिक विवाह की पहल की है जो आने वाले समय में समाज का नई दिशा देगी। हितैषी ने आयोजन पर समस्त कार्यकारिणी को बधाई दी और समाजजनों से अपील की कि वह आने वाले सामूहिक विवाह में अपने बच्चो की शादियां भी सामूहिक विवाह में करे।
सामूहिक विवाह में नागदा ब्राह्मण समाज के सैकड़ो महिला पुरूषो ने ढूंढी गांव में शिरकत की। विवाह से पूर्ण गांव में वर-वधू की गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। उसके बाद मंडप स्थल पर वरमाला की रस्म हुई और बाद में वैदिक मंत्रों के साथ फेरे कराए गए। इस मौके पर समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष भंवरलाल नागदा, मगरा युवा मण्डल अध्यक्ष मोहन नागदा, मेवाड़ चौखला अध्यक्ष गौरीशंकर नागदा नान्दवेल, युवा अध्यक्ष रमेश नागदा, सचिव गणेश नागदा, मेवल अध्यक्ष छगनलाल नागदा, छपन्न अध्यक्ष भगवान लाल नागदा सहित समाज के वरिष्ठ गणमान्य की मौजूदगी में विवाह समारोह हुआ। नागदा ब्राह्मण समाज के पहले सामूहिक विवाह में सबसे आकर्षण का केन्द्र पंडित रहे। समाज ने गायत्री शक्तिपीठ ईडाणा में वैदिक शिक्षा ले रहे ब्राह्मण बालको को विवाह कराने का जिम्मा सौंपा। नन्हे पंडितो ने जब मंत्र पढ़ना शुरू किया तो उनके मंत्रो के उच्चारण और वैदिक क्रियाओं को देख पांडाल में मौजूद लोग समाजजन बेहद प्रभावित हुए। सात जोडो़ं का विवाह कराने के लिए कुल नौ बाल पंडित बुलाए गए सभी ने पूरे विधि-विधान से अपनी वैदिक शिक्षा का प्रदर्शन इस सामूहिक विवाह में बताया। सामूहिक विवाह में नन्हे पंडितो द्धारा वर वधू के कराए फेरो पर सभी ने उनकी सराहना की। समाज ने उन्हे यह मौका देकर वैदिक संस्कृति को बचाए रखने के लिए शिक्ष प्राप्त कर रहे बालको को इस तरह से बहुत बड़ा प्रोत्साहन दिया है।