Udaipur. राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एच. आर. कुडी़ ने कहा कि मानवीय संवेदना एवं लोकतांत्रिक मूल्यों से ओतप्रोत आचरण लोकसेवक का परम कर्तव्य है। अधिकारी-कर्मचारियों को चाहिए कि वे अपने दायित्व के निर्वहन में पूर्ण जवाबदेही के साथ कार्य करें।
कुडी़ गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कमजोर को सहारा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का कुशल संचालन कर इस वर्ग को तात्कालिक लाभ देने की मानसिकता बताते हुए लोकसेवकों को जन सरोकार निभाने की आश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामसेवक, पटवारी आदि से जरुरतमंदों की जानकारी लेकर ऐसे व्यक्तियों को इन योजनाओं से जोड़ने की सतत मॉनिटरिंग करें।
कुडी़ ने बैठक में पॉलिथिन केरी बेग निषेध अधिनियम की समीक्षा करते हुए कहा कि कानूनी कार्यवाही की शक्तियां प्राप्त अधिकारियों को चाहिए कि वे कानूनी प्रावधानों का समुचित अध्ययन करें। उन्होंने ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए संबंधित थाना प्रभारियों को पाबन्द कर सख्ती बरतने के निर्देश दिये। पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि कानून के तहत पर्याप्त कार्यवाही की गई है। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या, पीसीपी एंड डीटीएच, 133 सीआरपीसी आदि के मामलों में भी सख्त कार्यवाही के आदेश दिए। पेंशन के लम्बित प्रकरणों को गम्भीरता से लेते हुए कुडी़ ने कहा कि यह समाज के वरिष्ठजन एवं सम्मानित वर्ग का महत्वपूर्ण मुद्दा है इसमें सेवानिवृत्तख होने की अवधि से पूर्व ही समस्त पूर्तियां कराते हुए तत्काल राहत प्रदान करने का दायित्व निभाएं।
बैठक में पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद, अतिरिक्त कलक्टर बी. आर. भाटी (प्रशासन), मो. यासीन पठान (शहर), रसद अधिकारी एम. एल. चौहान, मुख्य सचिव डॉ. आर. पी. शर्मा, महाराणा भूपाल चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. डी. पी. सिंह सहित सभी उपखण्ड अधिकारी एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।
जन सुनवाई : इससे पूर्व कुडी़ ने सर्किट हाउस में विभिन्न समस्याओं पर आमजन से बात की और संबंधित विभागों से उनकी प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी लोक शिकायतों का प्राथमिकता से निपटारा करने के निर्देश दिए।