नाट्यांश का व्यंग्य नुक्कड़ नाटक
Udaipur. सौ वर्षों बाद यमराज को छुट्टी मिली यमलोक से। इस दौरान वे अपने सहयोगी चित्रगुप्त के साथ भारत की धरती पर पहुंचे और यहां की विद्रुपताओं का नजारा देखा। यहां की स्थितियां देखकर वे काफी दुखी हुए।
ऐसा ही कुछ दर्शाया गया फतहसागर स्थित वाटर फॉल के नजदीक प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक में जो नाट्यांश द्वारा रविवार शाम मंचित किया गया। नाट्यांश द्वारा प्रस्तुत व्यंग्य नुक्कड़ नाटक ‘यमराज आन लीव’ (Yamraj on leave) में यमराज जब भारत भ्रमण पर पहुंचे तो यहां व्याप्त भेदभाव, जातिवाद, नेतागिरी, कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और प्राकृतिक आपदाओं उत्ताराखंड बाढ़ से हुई क्षति को देख कर काफी दु्खी हुए। कलाकारों ने अपने अभिनय से भारत की वर्तमान स्थिति और सरकार की गैर जिम्मेदार रवैये पर तीखे व्यंग्य द्वारा कटाक्ष किया। अन्त में बाढ़, बोधगया में आहत लोगों एवं अभिनेता प्राण की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कलाकारों में मोहक आहूजा, मुकुल तलरेजा, श्लोक पिम्पलकर, शुभम शर्मा, गुलशन कटारिया, मृदुल गमेती, वर्षा अहारी, खुशनूमा मन्सूरी, मो. रिज़वान, अशफाक़ नूर खान पठान, अब्दुल मूबीन खान पठान ने अभिनय से खूब हंसाया। नाटक का लेखन अशफाक़ नूर खान पठान, अब्दुल मूबीन खान पठान ने किया। निर्देशन नाट्यांश ने किया।