Udaipur. शहर भर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। सुबह से मंदिरों में भक्तों की भीड़ शुरू हो गई जो मध्यरात्रि तक रहेगी। मध्यरात्रि श्रीकृष्णं का जन्म होगा। श्रद्धालु पालने में झूला झुलाएंगे। मध्यरात्रि बाद विशेष महाआरती होगी।
मंदिरों में दिन भर भजन कीर्तन का दौर चला वहीं मध्यरात्रि कान्हा का जन्म होगा। इस बार जगदीश एवं अस्थल मंदिर दोनों जगह एक ही दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है।
इससे पहले जगदीश, अस्थल, बाईजीराज का कुण्ड, श्रीनाथजी सहित अन्य मंदिरों में सुबह से भक्तों और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। विशेष श्रृंगार, पूजा अर्चना के साथ झांकियां सजाने का दौर सुबह से चला। जगदीश मंदिर में मंगला आरती के बाद दर्शनार्थियों की रेलमपेल शुरू हुई जो देर रात तक जारी रही। मध्यरात्रि कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई जाएगी। श्रीनाथजी मंदिर में शयन के दर्शन अर्धरात्रि तक खुले रहेंगे। अस्थल मंदिर में द्वारकाधीश को विशेष श्रृंगार धराया गया। विभिन्न झांकियां सजाई गई हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ शाम से लगना शुरू हो गई। अर्धरात्रि तक काफी भक्ति जुटे रहेंगे।
दोनों मुख्य मंदिरों में मध्यरात्रि बाद विशेष महाआरती होगी। भगवान के बालस्वरूप लड्डूगोपाल को रजत पालने में झुलाया जाएगा। पुलिस ने भी चाक चौबंद व्यवस्था की है। विभिन्न थानों से जाब्ते के अलावा अतिरिक्त जाब्ते की तैनातगी की गई है। अस्थल मंदिर के बाहर यातायात पूर्णत: बंद कर दिया गया।
नंदोत्सव कल : भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के फलस्वरूप अगले दिन गोकुल में नंद बाबा के घर उत्सव मनाया गया। उसी तर्ज पर जन्माष्टमी के अगले दिन नंदोत्सव मनाया जाता है। जगदीश चौक में मटकीफोड़ का आयोजन होगा जिसमें शहर की 11 टीमों का पंजीयन किया गया है। मंदिर में ढाड़ा-ढाडि़न नृत्य होंगे।
भजन-कीर्तन, धराया भोग
हिरणमगरी सेक्टर 11 स्थित अग्रवाल धर्मशाला पीछे स्थित चारभुजा मन्दिर में पशुपति नाथ मन्दिर समिति की ओर से विशेष पूजा-अर्चना कर झांकिया सजाई गई। मंदिर के पुजारी पण्डित राजेश आमेटा ने बताया कि भगवान को विशेष भोग धराया गया। महाआरती का आयोजन किया गया। साथ ही महिला सत्संग मण्डल द्वारा श्रीकृष्ण के भजन-कीर्तन प्रस्तुत किये गए।