राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चे का संभागीय सम्मेलन
Udaipur. राज्यम की जनता कांग्रेस और भाजपा दोनों से तंग आ गई है। विश्व विद्यालयी चुनाव में नौ में से एक में एबीवीपी और दो में एनएसयूआई आई है। गहलोत के गृह जिले में एसएफआई ने चारों पदों पर जीत हासिल की है। अब राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा राज्य की जनता को तीसरा विकल्प देगा।
यह घोषणा अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम ने रविवार को सेक्ट्र 11 स्थित अग्रवाल धर्मशाला में हुए मोर्चा के संभागीय सम्मेलन में की। उन्होंने कहा कि राज्य सहित उदयपुर संभाग में भी आदिवासियों के विकास के नाम पर पैसा आया, लेकिन विकास यहां के सत्ताधारी नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों एवं दलालों का हुआ। निजी अस्पतालों को कौडि़यों के दाम पर जमीन दी गई कि गरीब का फ्री इलाज होगा, लेकिन कहीं भी इलाज फ्री नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में हुई वोटिंग में से 25 से 29 प्रतिशत वोट भाजपा कांग्रेस के खिलाफ पड़े, जो दोनों पार्टियों के विरूद्ध जनता के बढ़ते आक्रोश के व्यक्त करता है। ऐसे में लोकतांत्रिक मोर्चे के गठन का एक उदद्ेश्य यह भी है कि आगामी चुनावों में राजस्थान की जनता के समक्ष नीतिगत विकल्प पेश करे।
सम्मेलन में भाकपा के राज्य सचिव तारासिंह सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस व भाजपा माफियाओं की पार्टी है, जिसकी जनविरोधी नीतियों के चलते देश गर्त में हैं। साढ़े चौबीस लाख करोड़ रूपये की पूंजीपतियों को छूट दी गई, वहीं गरीबों को दी जाने वाले सब्सिडी खत्म कर रहे हैं। सिद्धू ने कहा कि वसुंधरा आज सुराज की बात कर रही है, लेकिन राजस्थान की जनता भूली नहीं है कि उनके हाथ खून से रंगे हैं।
सम्मेलन में समाजवादी पार्टी के राज्य कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र अवस्थी, जनता दल (सेक्युलर) के प्रदेशाध्यक्ष अर्जुन देथा, जनता दल (युनाईटेड) के प्रदेश महासचिव राजेश कटारा, माकपा राज्य सचिव प्रो. वासुदेव शर्मा, भाकपा के कैलाश गहलोत, पीपलखूंट बांसवाड़ा के पूर्व प्रधान धीरजमल घणावा, माकपा जिला सचिव बी. एल. सिंघवी, भाकपा जिला सचिव मेघराज तावड़ आदि ने भी विचार व्य क्ता किए। सम्मेलन में आये नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का स्वागत पार्षद राजेश सिंघवी ने किया एवं सम्मेलन का संचालन जनता दल युनाईटेड के महासचिव नरेन्द्र जोशी ने किया।