पालिका बैठक में खाद्य सुरक्षा को लेकर दिए दिशा निर्देश
फतहनगर. अधिशासी अधिकारी गोविंदलाल माली के आने के बाद पालिका की शुक्रवार को पहली बैठक खाद्य सुरक्षा को लेकर हुई। बैठक की फिजां पूरी तरह बदली बदली सी थी लेकिन जो चीज नहीं बदली वह थी पार्षदों की आपसी नोंक झोंक।
पार्षद आपस में ऐसे उलझे कि कुछ पार्षद पालिकाध्यक्ष द्वारा रोके जाने के बावजूद सदन को छोड़कर बाहर आ गए। दरअसल बैठक खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वंचित परिवारों के नाम जोड़े जाने को लेकर आहूत की गई थी। अधिशासी अधिकारी ने सभी को आवेदन देते हुए बताया कि यदि कोई इससे वंचित रह गया है तो वे तत्काल आवेदन पत्र भरकर दें ताकि नाम जोड़े जा सकें। यह प्रक्रिया महज आधे घंटे में सम्पन्न हो गई। इसके ठीक बाद में सदन की टेबलों पर नाश्ते की प्लेटें भी आ गई। नाश्ता करते हुए ही अनौपचारिक रूप से विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा भी चलती रही। नारायणलाल मोर ने दशहरा मेले का तीन दिवसीय आयोजन करने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव का समर्थन हालांकि नेता प्रतिपक्ष गणपतलाल स्वर्णकार ने भी किया लेकिन स्वर्णकार चाहते थे कि सांस्कृतिक संध्या बोर्ड के सभी सदस्य मिलकर तय करें न कि कोई कमेटी। कमेटी गठित करने का स्वर्णकार ने विरोध किया। इसी बीच कमेटी बने या न बने, इसी बात को लेकर नारायणलाल मोर तथा स्वर्णकार के बीच नोंक झौंक शुरू हो गई। ज्यों ही सत्यनारायण अग्रवाल बीच में बोले नोंक झौंक का दौर शुरू हो गया। बात मनोनीत पार्षद के बोलने व न बोलने पर आ टिकी तथा इस पर सत्यनारायण अग्रवाल, राजेश गर्ग व मोहनलाल जीनगर यह कहते हुए सदन से बाहर निकल गए कि उन्हें लज्जित करने के लिए क्यों बुलाया जाता है। पालिकाध्यक्ष गोकल गमेती ने सदन से बाहर जाते हुए सदस्यों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। बैठक का अंतिम दौर स्वर्णकार, मोर व अग्रवाल की नौक झौंक के बीच ही सिमट कर रह गया। ऐसे में दशहरा मेले के कार्यक्रमों को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका।
बैठक में उपाध्यक्ष हमीदा बानू मंसुरी, ललितदास वैष्णव, रेखा बापना, वरदीशंकर बुनकर, रामलाल भील, बंशीलाल तेली जगदीश खटीक, राधेश्याम शर्मा, हजारीलाल जाट, नारायणलाल धाभाई, नन्दकिशोर मीणा, मधु सोनी, मन्नालाल चपलोत, सज्जन कंवर आदि ने चर्चा में भाग लिया।