शिक्षक संघों के अधिवेशन का समापन
खुले अधिवेशन में विभिन्न प्रस्ताव पारित
Udaipur. शिक्षक संघों के दो दिनी सम्मेलनों के दूसरे व अंतिम दिन समापन पर खुले अधिवेशन में काफी बातें सामने आईं। संघों ने शिक्षा को पंचायतीराज से मुक्तश करने सहित कई अन्य मांगें की गई।
शिक्षक संघ राष्ट्रीाय के सम्मेलन में प्रधानाचार्य नरेश डांगी ने कहा कि सरकार के जारी विभिन्न नियमों की जानकारी प्रत्येक शिक्षक को होनी चाहिए जिसमें उन पर अन्याय न हो सके। शिक्षक को चाहिए कि वे अपने हक की बात तार्किक आधार पर रखें। प्राचार्य बसन्तीलाल जैन ने अध्यक्षीय उद्बोधन में शिक्षकों को अपने कर्तव्य पर पूरी तरह कृत संकल्पित रहने की बात कहीं। समारोह के प्रारम्भ में जिलाध्यक्ष भौमसिंह चुण्डावत ने स्वागत उद्बोधन करते हुए संगठन के प्रति कर्मठता का आह्वान किया। वरिष्ठ शिक्षक नेता शंकर वया ने कहा कि शिक्षक अपनी कमजोरी निकाले तथा संगठन को मजबूत करें। समय की पाबंदी तथा अनुशासन शिक्षक के लिए अत्यन्त ही आवश्यक है। जिला मंत्री चन्द्रप्रकाश मेहता, प्रकाश वया पूर्व जिलाध्यक्ष पुरूषोत्तम दवे ने भी संबोधित किया। चन्द्रशेखर परसाई ने मधुर गीत प्रस्तुत किया।
खुले अधिवेशन की अध्यक्षता सभाध्यक्ष जगदीश सुथार ने की। इस दौरान कई प्रस्ताकव लिए गए जिनमें शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य न कराने, पोषाहार से शिक्षकों को मुक्त करने, वित्त विभाग के आदेश हिन्दी में भी जारी करने, पदोन्नति से पूर्व रिक्त पदों की सूची प्रकाशित करने, विभाग में नई योजना निकालने से पूर्व मंथन करने, स्थानान्तरण नीति बनाने, एकमुश्त वेतन बजट तथा शून्य आधारित टी.ए. मेडिकल बजट जारी करने, व्याख्याताओं, संगठन को मान्यता देने, शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं करने आदि शामिल हैं।