हरिहर बाबा का हुआ हर कोई कायल
Udaipur. समूची कायनात में अपनी खुशबू बिखेर रही है राजस्थान की धरती। उसी रत्नगर्भा वसुंधरा के वरद पुत्र है ‘भवई नृत्य’ के अनुपम कलाकार हरिहर बाबा। उम्र 65 वर्ष, सिर पर घडे 71, प्रस्तुति – 30 मिनट, हर एक अचंभित था। इस उम्र में लोग अपना वजन नहीं संभाल पाते और भवई नृत्य की शानदार प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया।
मौका था नगर निगम में आयोजित दीपावली मेला 2013 की 5वें दिन आयोजित सांस्कृतिक संध्या में राजस्थानी कार्यक्रम का। राजस्थानी संस्कृति का जादू मंगलवार को लोगों के सर चढ कर बोला। बालीवुड के गानों से दूर राजस्थानी संस्कृति को जिंदा रखने वाली रेखा राव ने निगम के इस मंच पर एक से एक प्रस्तुतियों को लोगों ने काफी सराहा। राजस्थानी गानों की लता मंगकेश्कर कही जाने वाली रेखा राव ने मंगलवार को अपने अनूठे अंदाज में लोगों को ठुमके लगाने पर मजबूर कर दिया। एक से एक शानदार प्रस्तुति देते हुए उन्होंने ना केवल युवाओं को थिरकाया बल्कि हर एक राजस्थानी गीतों पर फिदा हो गया। राजस्थानी कलाकारों की इन प्रस्तुतियों ने देर रात तक लोगों को बांधे रखा और घुमर, मटकी और भवई नृत्यों की प्रस्तुति पर खुले मन से तालियों के द्वारा उनका हौसला बढाया।
सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत दूरदर्शन पर भारत की शान के फाइनिलस्ट प्रतिभागी कोटा से आए महेश भट्ट ने गणेश वंदना ‘ओ मारा कीर्तन में रस बरसाओ आओ जी आओ गजानंद आओ…’, ‘पधारो गण राजा… म्हारा घर में पधारो…’ से की। इसके पश्चात इंडिया गोड टैलेंट के प्रतिभागी भवानीगंजमंडी हॉल मुंबई में रहने वाले पंकज मारवाडी ने राजस्थानी ड्रेस में मंच पर आकर ‘ढोला आओ रे ढोला आयो रे ढोला…’ प्रस्तुत किया। इसके बाद मंच पर रेखा राव के साथ आए ग्रुप ने चरी डांस ‘और रंग दे…’ की प्रस्तुति दी। ग्रुप की प्रस्तुति के बाद जब जयपुर से आई संचालक अंजली ने रेखा राव को मंच पर बुलाया तो तालियों की गूंज सुनाई दी। रेखा ने मंच पर आकर सबसे पहले ‘केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारा देश…’ की प्रस्तुति दी। इसके बाद उन्होंने ‘आओ जी आओ म्हारा हिवडे रा पामणा…’, ‘बिछुडो मैं तो मरी होती…’, ‘पीली लुगडी…’, ‘कोटा के पैलाडी म्हारो सासरो…’, ‘बिछुडो…’, ‘चूडी चमके…’ राजस्थानी गीत गाकर युवाओं को थिरकाया।
इसके बाद महेश ने ‘मारी तीतरी, मारी तीतरी…’, ‘केसरिया बालम आओ नही पधारो म्हारे देश…’ गाया तो हर एक झुम उठा। उनकी इस प्रस्तुति के बाद उन्होंने विरहिणी स्त्रीयों द्वारा अपने पति की याद में गाया जाने वाला गोरबंध ‘लड़ली लूमा झूमा ए, म्हारो गोरबंध नखरालो… आली जा म्हारो गोरबंध नखरालो…’, ‘आआ जी आओ म्हारा हिवेडा रा पामणा…’ सुना श्रोताओं को थिरका दिया।
इस शानदार प्रस्तुति के बाद जब मंच पर हरिहर बाबा आए तो उनका भवई नृत्य देखने को हर एक आतुर था। हरिहर बाबा की उम्र 65 वर्ष है लेकिन नृत्य के प्रति उनका जुनुन देखने लायक था। हरिहर बाबा कहते हैं, ‘योगेश्वर कृष्ण मेरे आराध्य हैं और मैं उनकी गोपी। इसी भाव से मेरा नृत्य होता है और लगता है साक्षात कृष्ण मेरे सामने खड़े हैं।’ यही भाव लेकर वे कांच के टुकड़ों ओर तलवार की धार पर भी ऐसे थिरके की हर एक आश्यचर्यचकित हो गया। इस प्रस्तुति पर पूरा सदन तालियों की गूंज से गुंजायमान हो उठा। हरिहर बाबा ने जब सिर पर गिलास रखकर 71 मटकों के गुंबद बनाकर जिस तन्मयता से नृत्य किया, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उन्होंने मोर डांस ‘मोरिया आछयो बोल्यो रे आधी रात मां…’ पर हर दर्शक अपने आपको रोक नहीं पाया और वनस मोर की मांग करने लगा। बाबा के बारे में कहा जाता है कि लोक कलाओं की थाती को समृद्ध और अक्षुण्ण रखने का उनका संकल्प बचपन से ही है। बाबा ने मंच पर करीब 30 मिनट की प्रस्तुति दी। बाबा कोटा के रहने वाले हैं।
पिता बने गुरू : कोटा हाडौती में जन्मी रेखा राव ने अभी तक देश विदेशों में हजारों स्टेज शो कर चुकी है। बातचीत में उन्होंने बताया कि वे करीब 30 वर्षों से इस क्षेत्र में है। संगीत में वह अपना गुरू अपने पिता तेज करण राव को मानती है। उनके पिता तेज करण ने प्रसिद्ध राजस्थानी गाना पीली लुगड़ी लिखा जो काफी हिट भी हुआ। रेखा राव अपना आदर्श आशा भोंसले को मानती है। रेखा ने अब तक करीब 22 हिंदी फिल्मों में गाने दिए हैं। इसके अलावा भोजपुरी फिल्मों में 2000 से ऊपर गाने गा चुकी रेखा राव ने टेलीविजन सीरियल में भी अपनी अनूठी छाप छोडी है। उन्होंने जीटीवी पर प्रसारित फिर सुबह होगी का टाईटल सोंग के साथ कई सीरियलों में गाने दिए हैं। रेखा ने बताया कि हॉल ही में आई कयामत में भी उन्होंने गाने गाए हैं। इसके अलावा फिल्म मुसाफिर में उनके गाने है। टी सीरिज के साथ उन्होंने घुमर के गाने दिए है जो बाजार में उपलब्ध है। उन्होंने घुमर-1 से घुमर 10 तक में गाने दिए है। इसके अलावा कई राजस्थानी धार्मिक गाने भी उनके द्वारा गाए गए है। रेखा राव ने रवींद्र जैन के साथ भी सहगायिका के रूप में काम कर चुकी हैं और सुखविंदर सिंह के साथ भी कई स्टेज शो किए हैं।
आज होगी पंजाबी नाईट : बुधवार को सांस्कृतिक संध्या में पंजाबी गीतों पर युवाओं को थिरकाने वाले चन्नी मस्ताना व निधी कोहली की प्रस्तुति होगी।