उदयपुर। सांसद रघुवीर मीणा ने भाजपा पर प्रदेश के युवाओं को गुमराह करने के आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में विधानसभा चुनाव 2013 में सरकार बनने पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) को पूर्णतया समाप्त कर देने की घोषणा की थी। जबकि शिक्षक भर्ती में टेट को ही आधार रखा गया है।
जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के अधिकांश छात्र 10वीं तथा 12वीं में द्धितीय एवं तृतीय श्रेणी से ही उत्तीर्ण होते है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल में जनजातीय उपयोजना क्षेत्र में टेट में 36 प्रतिशत अंक लाने पर अभ्यर्थियों को भर्ती हेतु योग्य मानने के आदेश प्रसारित किए थे। इस आदेश की पालना में बेरोजगार युवा शिक्षक भर्ती परीक्षा में रियायत के आधार पर भर्ती भी हुए हैं।
भाजपा ने प्रदेश के युवाओं को गुमराह करते हुए सिर्फ वोट लेने के खातिर टेट को समाप्त करने की घोषणा की। अपने घोषणा पत्र में इस प्रस्ताव को सम्मिलित किया एवं कई चुनावी सभाओं में वसुन्धरा राजे ने टेट समाप्त करने का वादा किया था। जयपुर में गुरूवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग की बैठक में शिक्षा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने संकेत दिए है कि टेट को समाप्त नहीं कर टेट में 80 प्रतिशत अंकों के साथ ही 10 प्रतिशत अंक 10वीं, 12वीं के तथा 10 प्रतिशत अंक स्नातक एवं बी.एड के गिने जाएंगे। इस निर्णय से प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के हितों पर कुठाराघात हुआ है। सरकार बनने के एक महिने के अन्दर ही भाजपा की कथनी एवं करनी में फर्क जनता के सामने है। टेट के अंक जोडने का प्रावधान होने पर टेट अनुर्तीण छात्र शिक्षक भर्ती के योग्य नहीं होंगे। तथा 80 प्रतिशत अंक जोडने के प्रावधान पर कई योग्य बेरोजगार युवा शिक्षक भर्ती से वंचित हो जाएंगे। जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के हजारों बेरोजगार युवाओं का भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है। टेट में कम अंक होने पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से वंचित रह जाएंगे।