उदयपुर। हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. बिमल छाजेड़ का कहना है कि वर्तमान दौर के साथ खान पान भी बदला है। महानगरों में अब जीवन शैली को लेकर नया दौर शुरू हुआ है जीरो ऑयल। व्यक्ति अपने परिवारजनों को हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से बचाना चाहते हैं तो किचन में जीरो ऑयल आधारित खाने को प्राथमिकता देना शुरू कर दे।
गृहिणियों को यह ध्यान रखना होगा कि खाने का स्वाद मसाले बढ़ाते हैं न कि तेल या घी। डॉ. छाजेड़ सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के यूजीसी महिला अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में हृदय रोग निवारण पर विस्तृत व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। डॉ. छाजेड़ ने बताया कि महिलाओं में हृदय संबंधित रोग कम होते है, वे अपने परिवार ही नही, अपितु अन्य लोगों को भी इस गंभीर बीमारी से बचा सकती हैं।
कोलेस्ट्रोल से सावधान रहे : कॉमर्स कॉलेज सभागार में आायोजित व्याख्यान में डॉ. छाजेड़ ने बताया कि शरीर में कोलेस्ट्रोल बढऩा सबसे घातक है। जो मुख्य रूप से तेल और घी से होता है, ऐसे में कोलेस्ट्रोल से बचे। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन शैली में हमारा घूमना फिरना आदि बंद हो गया है। यही वजह है कि शरीर में फैट बढ़ रहा है। इसे कम करने के लिए जरुरी है कि नियमित रूप से व्यायाम।
अध्यक्षता करते हुए कॉलेज अधिष्ठाता प्रो. विजय श्रीमाली ने कहा कि स्वास्थ्य पर समुचित ध्यान देना चाहिए जो नहीं दिया जा रहा रहा है। विशिष्ट अतिथि प्रो. कैलाश सोडाणी ने कहा कि शरीर का विभिन्न रोगों से ग्रसित होना उदासीनता का परिचायक है। वर्तमान जीवन शैली इस प्रकार हो चुकी है कि बच्चे तो बच्चे अभिभावक भी फास्ट फूड की डिमांड करने लगे है। केन्द्र निदेशक प्रो. रेणु जटाना ने कहा कि केंद्र द्वारा इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाते रहे है। उसी कड़ी में डॉ. छाजेड़ का हृदय रोग और उसके बचाव को लेकर यह व्याख्यान आयोजित किया गया। संचालन डॉ. डोली मोगरा ने किया।