पेसिफिक मेडिकल कॉलेज, विद्याभवन एवं नारायण सेवा में हुए आयोजन
उदयपुर। वसंत पंचमी पर मंगलवार को शहर में विविध आयोजन हुए। मां वीणापाणि शारदे की पूजा अर्चना कर उनसे विद्यादान मांगा गया वहीं स्कूलों तथा संगठनों में बच्चों को फल वितरित किए गए।
पीएमसीएच : भीलो का बेदला प्रतापपुरा स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में शुरूआत प्रिंसिपल एवं नियत्रंक डॉ. एस. एस. सुराणा एवं जनरल मैनेजर एच. जी. गुप्ता ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सक्षम दीप प्रज्जवलन कर की। विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा की गई। बसंतोत्सव पर संकल्प किया गया कि जिस तरह से मां सरस्वती मन को खुश करने वाली है, उसी खुशहाली से हर आम और खास का तन भी स्वस्थ और निरोगी रहे। इस अवसर पर पीएमसीएच के नये स्वागत कक्ष का भी उद्घाटन किया गया। इस मौके पर पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल का समस्त स्टाफ भी मौजूद रहा।
नारायण सेवा संस्थान में निदेशक वंदना अग्रवाल ने कहा कि बच्चे अपनी शारीरिक कमी से हतोत्साहित न होकर हौंसले के साथ भीतर की प्रतिभा को निखारें। का प्रमुख दिवस बताते हुए कहा कि हमें विवेकपूर्ण जीवन जीने के लिए नियमित रूप से सरस्वती की कृपा प्राप्त करते रहना चाहिए। मां शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने छात्रों को चंदन एवं कुमकुम का टीका लगाकर उनके सुखद भविष्य की कामना की। इस अवसर पर बच्चों को केसरिया भात का प्रसाद वितरित किया गया।
विद्याभवन : विद्याभवन सीनियर सैकण्डरी स्कूल में बसंतोत्सव विद्यालय प्रांगण में धूमधाम से मनाया गया। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यार्थियों द्वारा बंसत ऋतु पर आधारित सरस्वती वंदना, एकल नृत्य, समूह नृत्य, कविता आदि की मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
मुख्य अतिथि विद्या भवन बीएड कॉलेज की पूर्व सहायक प्रो. डॉ. दया दवे थी। मुख्य अतिथि महोदय ने सत्यम् शिवम सुन्दरम् कथन का आशय स्पष्ट करते हुए कहा कि हमें जीवन के ज्ञान रुपी सत्य को अपनाते हुए लोक कल्याणकारी कार्यों को करते हुए आगे बढना चाहिए। हमें अपनें अनुभवों द्वारा ज्ञान में वृद्धि कर कौशल का विकास कर उसका परिमार्जन करना चाहिए। अध्यक्षता विद्याबंधु संघ की उपाध्यक्ष व विद्याभवन सोसायटी की कार्यकारिणी की सदस्य पुष्पा शर्मा ने की इस अवसर पर उन्होनें कहा कि संस्कृति से जुडी़ परंपरा को सदैव बनाए रखना चाहिए। कार्यक्रम के प्रांरभ में विद्यालय के प्राचार्य ई. एच. काजी नें सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत किया धन्यवाद दिया। संचालन नारायणलाल आमेटा ने किया!