पीआईएमटी द्वारा ‘आर्थिक नीतियां एवं अंतरिम बजट’ पर परिचर्चा
उदयपुर। उद्योगपति प्रकाश चोकसी का मानना है कि भारत में उद्योगों की प्रगति काफी धीमी है। रुपए का लगातार अवमूल्यन हो रहा है। इसका मुख्य कारण व्ययों पर नियंत्रण न होना है। भारत में बहुत घोटाले हो रहे हैं जो चिन्ता का विषय है और सरकार आर्थिक वृद्धि को बरकरार रख पाने में असमर्थ साबित हो रही है।
वे बुधवार को यहां पेसिफिक पीजीडीएम कॉलेज में भारत की आर्थिक नीतियां एवं अन्तरिम बजट 2014-15 पर हुई परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। परिचर्चा के समन्वयक डॉ. योगेश जैन एवं डॉ. पूजा माथुर के अनुसार परिचर्चा में जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. जी. एम. के. मदनानी, महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. उमाशंकर शर्मा, विख्यात चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट केतन जैन, मेक मनी इन्वेस्टमेन्ट के निदेशक आदित्य नाहर एवं अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। स्वा.गत उदबोधन में पीआईएमटी के निदेशक प्रो. के. के. दवे ने परिचर्चा के उद्देश्या बताए। प्रो. दवे के अनुसार आर्थिक नीतियों में अस्थिरता की वजह से आर्थिक वृद्धि दर में कमी आई है। अन्तरिम बजट के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा आज की परिचर्चा का मुख्य विषय है।
परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए प्रो. मदनानी ने बजट के मुख्य बिन्दुओं फिस्कल डेफिसिट, करेन्ट अकाउन्ट डेफिसिट, जीडीपी, मुद्रास्फीति पर विस्तृत चर्चा की। प्रो. उमाशंकर शर्मा ने बजट एवं इसके कृषि सम्बन्धित क्षेत्रों पर बजट बढा़ने पर जोर दिया। विख्यात चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट केतन जैन ने बताया कि आयकर एव सर्विस टैक्स का दायरा बढाकर वित्ती य घाटे को नियन्त्रित किया जा सकता है। जैन के अनुसार पब्लिक सेक्टर अण्डर टेकिंग्स का अच्छा प्रबंधन आय बढाने का बहुत अच्छा विकल्प है, इस हेतु उन्होने हिन्दुस्तान जिंक एवं कोल इण्डिया लिमिटेड का उदाहरण दिया। श्री जैन के अनुसार लोंगटर्म केपिटल गेन भी रेवेन्यु बढाने का एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। साथ ही उन्होने बैंकिग ट्रांन्सेक्शन टेक्स को भी एक अच्छा विकल्प बताया। मेक मनी इन्वेस्टमेन्ट के आदित्य नाहर द्धारा बताया गया कि खाद्य मूल्य बढ़ने से इम्पोर्ट बिल बढ रहा है। साथ ही इम्पोहर्ट का अधिकतर हिस्सा ऑयल खरीद में जाता है। परिचर्चा के अन्त में पीजीडीएम विद्यार्थियों द्धारा पूछे गये प्रश्नो का सभी पेनलिस्टों द्वारा समाधान किया गया।