आईटी ने बदली दुनिया की सूरत
विद्यापीठ में मोबाईल तकनीकी , क्लाउड कम्प्यूटिंग पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीटय सेमीनार
उदयपुर। हर रोज नई तकनीक विकास कर भारत आईटी क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। क्लाउड कम्प्यूटिंग और मोबाईल का उपयोग सामान्य हेा गया है। मोबाइल की एक सीमा है लेकिन अब क्लाउड कम्प्यूटिंग के द्वारा उपभोक्ता बिना कम्प्यूटर के ही मोबाइल के द्वारा क्लाउड कम्प्यूटिंग से जुड़ कर सभी कार्य आसानी से कही भी कर सकता है।
ये विचार कढ़ी विश्वाविद्यालय गुजरात के प्रो. एन. एन. जानी ने व्योक्तन किए। वे शनिवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्व्विद्यालय तथा एआईसीटीई के संयुक्त तत्वावधान मं आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमीनार में मुख्या वक्ताी के रूप में एडवांसमेंट इन मोबाइल टेक्नोलॉजी एण्ड क्लाउड कम्प्यूटिंग के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मोबाइल पर बात करते हुए सामने वाले व्यक्ति का विडियो देख पाना सोशल मीडिया, इंटरनेट उपयोग बढ़ना और बैंकों से लेनदेन भी ऑनलाइन होना यह युग मोबिलिटी युग है जो आईटी की ही देन है। किसी भी कार्य को यह छोटा सा डिवाईस आसानी से और चंद मिनटों में कर सकता है। यह आईटी के नये आयाम है।
सेमिनार चेयरमैन डॉ. मनीष श्रीमाली ने बताया कि अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि आईटी की बड़ी देन इंटरनेट युग की शुरूआत कही जा सकती है। 1970 से 1980 में बाजार में कम्प्यूटर उपलब्ध होने से आम जीवन बदल गया है। इंटरनेट युग आया और फिर फेसबुक। आज जितना जानकार अधिकारी है, उतना ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी। यह सभी आईटी के नवीन आयाम ही है।
एमपीयूएटी के प्रो. धर्मसिंह ने कहा कि तकनीकी विकास करना उतना कठिन नहीं है लेकिन उसके गुण दोषों की विवेचना करके आम जन के तैयार करने में समय लगता है। यही कारण है कि हमारे पास आईटी और कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में नया करने को बहुत कुछ है लेकिन साधनो की कमी है। विषिष्ट अतिथि गुजरात विश्वविद्यालय के प्रो. बंकिम पटेल तथा गाजियाबाद विश्वषविद्यालय के प्रो. मुणेष त्रिवेदी थे। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. देवेन्द्र जौहर, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. प्रदीप सिंह शक्तावत, डॉ. ललित पाण्डेय, प्रो. एन.एस. राव, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. प्रकाष षर्मा, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. भारत सिंह देवड़ा ने भी विचार व्यक्त किए। समारोह का संयोजन डॉ. नेहा सिंघवी ने किया। धन्यवाद डॉ. चन्द्रेश छतलानी ने दिया।
पहले दिन 53 पत्र वाचन : आयोजन सचिव डॉ. गौरव गर्ग ने बताया कि सेमीनार के पहले दिन अलग अलग श्रेणियों में 53 पत्र वाचन किए गए। रविवार को भी समानान्तर कार्यषाला आयोजित होगी। सेमीनार में 550 से अधिक शोध पत्र आये उनमें से चयनित 115 पत्रों का वाचन किया जायेगा।
इन विषयों पर आज हुआ मंथन : आयोजन सचिव चन्द्रेश छतलानी एवं आईटी विभाग के डॉ. दिनेश श्रीमाली ने बताया कि सेमीनार में क्लाईड कम्प्युटिंग, मोबाइल टेक्नोलॉजी, एप्लीकेशन इन नेचुरल साईंस, एप्लीकेशन ऑफ क्लाउड कप्यूटिंग इन एज्यूकेशन, एप्लीकेशन ऑफ कम्प्यमूटर टेक्नोलॉजी इन फिजिक्स, केमेस्ट्री, जियोलॉजी, बोटनी, मैथ्स, ह्यूमिनिटी एण्ड मैनेजमेंट विषय पर हुआ मंथन।