उदयपुर। सिटी पैलेस स्थित महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन सभागार में जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ में इंस्टीट्यूट ऑफ राजस्थान स्टडीज के पुरातत्व विभाग में सह आचार्य जीवनसिंह खरकवाल ने मेवाड़ के पुरातत्व संबंधी जानकारी गाइडों को दी।
खरकवाल ने बताया कि मेवाड़ की पुरा संपदा का विश्व मानचित्र में अग्रिम स्थान है। यहां के प्राचीर, दुर्ग, महल, मंदिर, बावडिय़ां का निर्माण कई सैकड़ों वर्षों बाद भी दर्शनीय है। उन्होंने मेवाड़ की अरावली पहाडिय़ों के साथ ही वन एवं वन्य जीव संपदा और मेवाड़ की प्राचीन सभ्यताओं आहाड़, गिलूण्ड, बालाथल, नागरी, जावर, इसवाल, बागोर, बनास पर भी विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में उपस्थित गाइडों ने विषयवस्तु संबंधी प्रश्न किए जिसे डॉ. जीवन सिंह ने सविस्तार समझाया।