उदयपुर। जन्म भूमि सबसे प्यारी होती है। हमें अपनी जन्मूभूमि को सदृश प्यार देना चाहिये। आज भी देश के पूर्वी राज्यों में जिस तरह का विकास वहां देखने को मिला उस तरह के विकास को अपने यहां लाने के जनता व प्रशासनिक अधिकारी को उन क्षेत्रों के राज्यों का दौरा करना चाहिये।
महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा विज्ञान समिति में आयोजित वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए संस्थान के महासचिव भंवर सेठ ने उक्त बात कही। वे गत दिनों संस्थान के दल के साथ 12 दिवसीय यात्रा पर सिक्किम, गंगटोक, पैलिंग व दार्जिलिंग की यात्रा पर गये। सेठ ने कहा कि इन राज्यों में पर्यटन का विकास देखते ही बनता है। वहां न लपकागिरी है और न हीं वहां की सडक़ों की हालत उदयपुर शहर के जैसी। वहां की सडक़ें चमकती हुई दिखाई देती है। सडक़ों पर चलने के लिए अलग से विशेष फुटपाथ बने हुए है। वहां के निवासियों में अजनबियों के प्रति अपार स्नेह व आदर सत्कार देखने को मिला।
इन राज्यों में वरिष्ठजनों के लिए अस्पतालों में विशेष व्यवस्था है। सरकारी अस्पतालों में एक बार पंजीकरण कराने के बाद इलाज की बेहतर सुवधिा मुहैया करायी जाती है। इन राज्यों में भीख मांगता हुआ कोई दिखाई नहीं दिया। वहां के पर्यटन स्थल बेहतर व विकसित स्थिति में है। यही कारण है कि वहां अधिकांश लोगों के पास रोजगार उपलब्ध है। इन राज्यों के मुकाबले उदयपुर में भी पर्यटन विकास की विपुल संभावनाएं है लेकिन आवश्यकता है कि प्रत्येक नागरिक एवं नगरीय संस्थाओं की इसमें भागीदारी सुनिश्चित हो।
इस अवसर पर संस्थान के संरक्षक फतहलाल नागौरी ने कहा कि वहां 20 वर्षों से मुख्यमंत्री पवन चामलिंग की सरकार है। वहां पर मुख्य रूप से सरकार ने जनता की मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा हुआ है। संरक्षक किरणमल सावनसुखा ने महाराणा प्रताप पर कविता पाठ किया। इस अवसर पर इस माह में जन्मदिन मनाने वाले सदस्यों का उपरणा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। अंत में कोषाध्यक्ष मानमल कुदाल ने धन्यवाद दिया।